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प्रिसिपल-चेयरपर्सन विवाद के बीच जीएनडीएच के तीन कर्मचारी सस्पेंड

। पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन एवं सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर की प्रिंसिपल के बीच चल रही खींचतान के बाद मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग ने जीएनडीएच में यौन उत्पीड़न के मामलों का संज्ञान लेना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 12:35 AM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 12:35 AM (IST)
प्रिसिपल-चेयरपर्सन विवाद के बीच जीएनडीएच के तीन कर्मचारी सस्पेंड
प्रिसिपल-चेयरपर्सन विवाद के बीच जीएनडीएच के तीन कर्मचारी सस्पेंड

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी एवं सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर की प्रिंसिपल डॉ. सुजाता शर्मा के बीच चल रही खींचतान के बाद मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग ने गुरु नानक देव अस्पताल में यौन उत्पीड़न के मामलों का संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। विभाग ने शनिवार को अस्पताल में कार्यरत ओटी सुपरवाइजर अमरजीत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अमरजीत सिंह पर आरोप है कि उसने इसी अस्पताल में डिप्लोमा कर रही एक छात्रा को वॉट्सएन पर भेजे गए मैसेज में आइ लाइक यू लिखा था। इसी साथ ही अस्पताल में कार्यरत लेबोरेट्री अटेंडेंट कुलविदर सिंह व सुखजिदर सिंह को भी निलंबित किया गया है। ये दोनो बायोकेमिस्ट्री लैब में कार्यरत हैं। दोनों पर आरोप है कि ये दोनों पिछले सप्ताह अस्पताल में शराब पीकर लैब के बाहर पहुंचे और ताला तोड़ दिया। चौथे आरोपित बलविदर सिंह जिसने नर्स के साथ छेड़छाड़ की थी, उसे पूर्व में ही ईएनटी अस्पताल स्थानांतरित किया जा चुका है।

विभाग की इस कार्रवाई के बाद सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं गुरु नानक देव अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। अब वे कर्मचारी भी सहमे-सहमे से हैं जो गाहे-बगाहे महिला कर्मचारियों पर फब्तियां कसते थे। उन्हें डर सता रहा है कि कहीं उनकी भी फाइल न खुल जाए।

दरअसल, गुरु नानक देव अस्पताल में महिला कर्मियों के साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बाद पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी बीते वीरवार यहां पहुंची थी। उन्होंने यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज द्वारा गठित सेक्सुअल ह्रासमेंट कमेटी के सदस्यों पर एतराज जताया था और इन नामों की सूची फाड़ दी थी। इसके साथ ही मनीषा गुलाटी ने प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा को प्रिसिपल के पद से हटाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह एवं मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी से बात की थी। यह अलग बात है कि मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसरों का एक समूह डॉ. सुजाता शर्मा के पक्ष में आ गया और स्पष्ट रूप से कहा कि यदि डॉ. सुजाता को पद से हटाया गया तो वे भी सामूहिक इस्तीफे देंगे। मनीषा गुलाटी ने विभाग के सचिव डीके तिवारी से बात करके यौन उत्पीड़न का शिकार युवतियों को न्याय देने को कहा था। विभाग ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपित अमरजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया। हालांकि मनीषा गुलाटी जब अमृतसर आई थीं तब उन्होंने कॉलेज प्रशासन ने बलविदर सिंह का सिर्फ तबादला करने की बात का भी संज्ञान लिया था। उन्होंने कहा था कि क्या सिर्फ तबादले की सजा काफी है?

मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा ने कहा कि विभाग ने कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। बलविदर का ट्रांसफर मेडिकल सुपरिटेंडेंट कार्यालय से हुआ है। उस वक्त मैं अवकाश पर थी। मंत्री से मिलीं डॉ. सुजाता शर्मा महिला आयोग के निशाने पर आ चुकी डॉ. सुजाता शर्मा ने मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश से मिलकर सारी स्थिति से अवगत करवाया है। हालांकि दोनों के बीच क्या बात हुई, यह स्पष्ट नहीं है, मगर जानकारी के अनुसार डॉ सुजाता ने मंत्री से कहा है कि जब मनीषा गुलाटी मेडिकल कॉलेज आईं, मैं चंडीगढ़ में विभागीय मीटिग में थी। डॉ. सुजाता ने यह भी कहा कि मनीषा गुलाटी ने मेडिकल कॉलेज आने की पूर्व सूचना किसी को नहीं दी थी। यदि दी होती तो मैं चंडीगढ़ न जाती। बताया जाता है कि मंत्री के समक्ष यह बात भी रखी गई है कि मनीषा गुलाटी ने ऑफिशियल दस्तावेज भी फाड़ा है। अभी इस बात पर संशय है कि डॉ. सुजाता शर्मा अपने पद पर बनी रहेंगी अथवा नहीं, क्योंकि मनीषा गुलाटी ने उनकी शिकायत मुख्यमंत्री से की है।


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