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तेज रफ्तार कार की टक्कर से बाइक सवार तीन दोस्तों की मौत

जालंधर जीटी रोड पर वीरवार की देर रात तेज रफ्तार कार ने आगे जा रहे दो मोटर साइकिलों को जोरदार टक्कर मार दी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 12:17 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 06:06 AM (IST)
तेज रफ्तार कार की टक्कर से बाइक सवार तीन दोस्तों की मौत
तेज रफ्तार कार की टक्कर से बाइक सवार तीन दोस्तों की मौत

राजिदर रिखी, सुखविदर बावा/ खिलचियां, ब्यास : अमृतसर-जालंधर जीटी रोड पर वीरवार की देर रात तेज रफ्तार कार ने आगे जा रहे दो मोटरसाइकिलों को टक्कर मार दी। हादसे में दोनों मोटरसाइकिलों पर सवार तीन दोस्तों की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। पुलिस चौकी टांगरा के इंचार्ज सुखदेव सिंह ने बताया कि कार चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मृतकों की पहचान गांव मुच्छल के रहने वाले गोबिद राम, अमरीक सिंह और गांव थोथियां के रविदर सिंह के रूप में हुई है।

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मामले के अनुसार वीरवार देर रात रविदर सिंह अपने दोस्त गोबिद राम और अमरीक सिंह से मिलने के लिए गांव मुच्छल आया हुआ था। खाना खाने के बाद तीनों दोस्त दो बाइक पर थोथियां गांव की तरफ निकल पड़े। मुख्य मार्ग पर पहुंचते ही तेज रफ्तार कार ने दोनों बाइकों को टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार कार एक मोटरसाइकिल को घसीटकर दूर तक ले गई। मौके पर ही रविदर सिंह, गोबिद राम और अमरीक सिंह की मौत हो गई। हादसे की जानकारी राहगीरों पुलिस कंट्रोल रूम पर दी। लेकिन तब तक आरोपित अपनी कार छोड़कर फरार हो चुका था।

बेटी की शादी करना चाहता था गोबिद राम

मुच्छल गांव में हादसे की खबर सुनकर शौक की लहर दौड़ पड़ी। पति की मौत का पता चलते ही सुखराज कौर दहाड़े मार-मार कर रो रही थी। वह कह रही थी कि गोबिद के चले जाने के बाद अब परिवार किसके सहारे रहेगा। गोबिद अपने बड़ी बेटी की शादी करना चाह रहा था। लेकिन पिता का फर्ज निभाने से पहले ही वह हमेशा के लिए चलबसा। सुखराज कौर ने बताया कि अब उसे दो बेटों का ही सहारा है। उधर, अमरीक सिंह की पत्नी और दो बेटों का रो-रो कर बुरा हाल था। परिवार का कहना था कि अमरीक के जाने के बाद सारे घर का ताना-बाना बिगड़ गया है।

कुछ दिन पहले तीनों ने शुरू किया था ट्रैवल एजेंट का काम

गांव में जाकर पता चला कि कुछ दिन पहले तीनों दोस्त रविदर सिंह, गोबिद और अमरीक सिंह ने लोगों को विदेश में नौकरी दिलवाने का काम करते थे। लेकिन रविदर सिंह का मूल पेशा खलचियां में सब्जी बेचना था। रविदर की पत्नी शरणजीत कौर ने बताया कि आठ साल की बेटी और दस साल के बेटे को पति के बगैर पढ़ाना और पालना काफी कठिन हो जाएगा।


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