बैसाखी पर हजारों श्रद्धालु हुए हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक
अमृतसर खालसा का स्थापना दिवस बैसाखी का पर्व श्री हरिमंदिर साहिब में पूर्ण धार्मिक मर्यादा और गुरु रीतियों के अनुसार मनाया गया।
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क्रासर———
— रात्रि को श्री हरिमंदिर साहिब में की गई अलौकिक दीपमाला
जागरण संवाददाता, अमृतसर
खालसा का स्थापना दिवस बैसाखी का पर्व श्री हरिमंदिर साहिब में पूर्ण धार्मिक मर्यादा और गुरु रीतियों के अनुसार मनाया गया। इस पवित्र दिन पर लाखों श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए। देश व विदेशों से भी श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं ने इस दौरान इलाही गुरबाणी का भी श्रवण किया।
दसवें गुरु श्री गुरु गोबिद सिंह ने वर्ष 1699 में बैसाखी वाले दिन खालसा पंथ की स्थापना करके दुनिया के इतिहास में नए अध्याय को दर्ज किया था। बैसाखी के दिन से पकी हुई गेहूं की फसल की कटाई का कार्य भी शुरू हो जाता है। वहीं पकी बढि़या फसल के लिए संगत वाहेगुरु के समक्ष अरदास भी करती है।
श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे श्रद्धालुओं की ओर से पवित्र सरोवर में स्थान किया और सुख शांति के लिए वाहेगुरु के समक्ष अरदास की। लाखों श्रद्धालुओं ने श्री गुरु राम दास लंगर हाल में लंगर भी चखा। गुरुद्वारा दीवान मंजी साहिब हाल में सारा दिन गुरमति व धार्मिक कार्यक्रम चलते रहे। रात्रि को श्री हरिमंदिर साहिब में अलौकिक दीपमाला भी की गई। इस दोरान भाई दविदर सिंह , ओकार सिंह , सतनाम सिंह , दविदर सिंह , जसविद सिंह, मुख्तार सिंह , साहिब सिंह और गुरदेव सिंह जत्थों ने कीर्तन करके संगत को गुरुघर के साथ जोड़ा।