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जीवन के उतार-चढ़ाव में हमेशा कुछ न कुछ मिलती है सीख: नीना गुप्ता

हर एक नारी के जीवन में बहुत सी भूमिकाएं के साथ साथ बहुत से पहलू होते हैं। हर एक पहलू की अपनी एक अलग कहानी के साथ साथ मुश्किल होती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 03:30 AM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 03:30 AM (IST)
जीवन के उतार-चढ़ाव में हमेशा कुछ न कुछ मिलती है सीख: नीना गुप्ता
जीवन के उतार-चढ़ाव में हमेशा कुछ न कुछ मिलती है सीख: नीना गुप्ता

जागरण संवाददाता, अमृतसर: हर एक नारी के जीवन में बहुत सी भूमिकाएं के साथ साथ बहुत से पहलू होते हैं। हर एक पहलू की अपनी एक अलग कहानी के साथ साथ मुश्किल होती है। फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन मनजोत ढिल्लों की अध्यक्षता में उन सभी भूमिकाओं को उजागर करने के साथ-साथ मुश्किलों से जूझ रही महिलाओं को जागरूक करने के मकसद से वेबिनार करवाया गया।

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इसमें अदाकारा नीना गुप्ता द्वारा लिखित उनके जीवन पर आधारित पुस्तक 'सच कहूं तो' पर विस्तृत चर्चा की गई। उसमें नीना गुप्ता ने अपने जीवन से जुड़ी कई छोटी-बड़ी बातों का जिक्र किया और बताया कि किस तरह से जीवन के उतार-चढ़ाव से निकलते हुए उन्होंने हमेशा कुछ नया ही सीखा है। आज भी उन्हें याद है कि किस तरह से दिल्ली के करोल बाग की गलियों में उनका बचपन बीता था। अपने बचपन को याद करते हुए उन्होंने बताया कि कंजक पूजन के समय जब हलवा पूरी के साथ 25 पैसे दिए जाते थे, तो उसमें सबसे खास उन्हें तब लगता था, जब कंजक पूजन के समय उनके पांव धोते थे, क्योंकि जहां समाज में लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक माना जाता है, वहीं कंजकों के खास दिन लड़कियों का पूजन किया जाता है।

संस्कृत की पढ़ाई करने के विषय में उन्होंने बताया कि उनका रुझान खेल के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में रहता था, जिसके चलते उन्होंने अपनी बीए की पढ़ाई तक संस्कृत विषय का चुनाव किया था। जबकि कालिदास की कविता मेघदूत एक ऐसी कविता थी जिसने उनके दिल में संस्कृत भाषा के प्रति बेहद लगाव उत्पन्न किया था और उसके बाद एमए की पढ़ाई तक भी संस्कृत का विषय जरूर पढ़ा था। उन्होंने इब्राहिम अल्काजी से शिक्षा प्राप्त करने के मकसद से उन्होंने नेशनल स्कूल आफ ड्रामा (एनएसडी) अकादमी में दाखिला लिया था। इंस्टाग्राम पर शेयर पोस्ट ने दिलाया दोबारा इंडस्ट्री में काम

फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन मनजोत ढिल्लों के पूछे सवाल का जवाब देते हुए नीना गुप्ता ने बताया कि मुंबई में लोगों के दिमाग में यह धारणा थी कि शादी के बाद वह दिल्ली शिफ्ट हो चुकी हैं और शायद खुद इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया है जबकि मुंबई में उन्हें काम नहीं मिल रहा था। उन्होंने बताया कि अंदर ही अंदर उन्हें गुस्सा था जिसके बाद उन्होंने इंस्टाग्राम पर काम मांगने को लेकर एक पोस्ट शेयर की तो देखते ही देखते उनकी फिर से इंडस्ट्री में एंट्री हुई और छोटे-छोटे काम मिलने शुरू हो गए। अपने करियर में सबसे बड़ा ब्रेक थ्रू वह बधाई फिल्म को मानती हैं। उन्होंने बताया कि उनकी जिदगी का सबसे खास पल उनकी बेटी मसाबा का जन्म था। वेबिनार के अंत में अदाकारा नीना गुप्ता को फिक्की फ्लो ने ग्रीन सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।


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