सर्दियों में बढ़ जाता है अधरंग होने का खतरा : डा. अशोक उप्पल
रानी का बाग स्थित उप्पल न्यूरो अस्पताल के संस्थापक एवं पंजाब मेडिकल कौंसिल के सदस्य डा. अशोक उप्पल ने कहा कि सर्दियों में अधरंग का खतरा बढ़ जाता है।
जासं, अमृतसर : रानी का बाग स्थित उप्पल न्यूरो अस्पताल के संस्थापक एवं पंजाब मेडिकल कौंसिल के सदस्य डा. अशोक उप्पल ने कहा कि सर्दियों में अधरंग का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के बढ़ने के कारण खून की नाड़ियां सिकुड़ जाती हैं। इस कारण ब्लड प्रेशर 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। कई बार दिमाग की कोई नाड़ी फट जाती है और अधरंग हो जाता है। यह खतरा उन लोगों में और भी अधिक होता है जो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित हों। सर्दियों में लोगों द्वारा अधिक ऊर्जा और वसा युक्त भोजन लेने के कारण ब्लड गाढ़ा हो जाता है और जमना शुरू हो जाता है। इससे कई बार दिमाग की बारीक नाड़ियों में खून के थक्के बन जाते हैं। अगर इलाज में और देरी की जाए तो शरीर का आधा हिस्सा कमजोर हो जाता है या काम करना ही बंद कर देता है।
डा. उप्पल ने बताया कि इस मौसम में वृद्धों में अधरंग होने के आसार काफी बढ़ जाते है जो पहले से ही हाई बीपी, शूगर, हाई कोलेस्ट्रोल, मोटापा आदि बीमारियों से ग्रस्त हों। साथ ही सिगरेट, शराब और दूसरे नशे भी करते हों। भारत में हर साल हजारो लोग स्ट्रोक यानि अधरंग का शिकार बन जाते है, जिनमें बहुत से लोग समय पर इलाज न मिलने पर या तो अपनी जान गवा देते हैं या दिव्यांग हो जाते हैं। किसी व्यक्ति का चेहरा टेढ़ा या एक तरफ गिरता हुआ दिखना, बाहों, हाथों में जान न रहना, बाजू उठाएं तो खुद-ब-खुद नीचे आ जाना, आवाज में थरथराहट होना आदि अधरंग के लक्षण हैं।