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सहारा बनने निकला था लाल, कफन में लिपट कर लौटा

अबू धाबी में आतंकी हमले में मारे गए हरदीप सिंह का शव संयुक्त अरब अमीरात से शुक्रवार को गांव महसामपुरा में पहुंचा तो मातम छा गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 07:57 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 02:59 AM (IST)
सहारा बनने निकला था लाल, कफन में लिपट कर लौटा
सहारा बनने निकला था लाल, कफन में लिपट कर लौटा

संस, बाबा बकाला: अबू धाबी में आतंकी हमले में मारे गए हरदीप सिंह का शव संयुक्त अरब अमीरात से शुक्रवार को गांव महसामपुरा में पहुंचा तो मातम छा गया।

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पीड़ित परिवार के करीबी राजबीर सिंह ने बताया कि बलविदर की शादी चार महीने पहले हुई थी। मां चरणजीत कौर और पिता बलविदर सिंह का सपना था कि बेटा विदेश में जाकर पैसे कमाए ताकि उनके घर की हालत ठीक हो सके। शादी के कुछ दिन बाद हरदीप संयुक्त अरब अमीरात चला गया और वहां आयल टैंकर चालक की नौकरी करने लगा। इसके बाद उसकी पत्नी भी कनाडा चली गई थी। बुजुर्ग मां-बाप को आस थी कि शादी के बाद बेटा और बहू उनको भी विदेश ले जाएंगे लेकिन यह नहीं पता था कि अबूधाबी में आतंकी हमला उनका बेटा हमेशा के लिए उनसे छीन लेगा। वह सहारा बनने निकला था और कफन में लिपट कर घर पहुंचा।

डीएसपी हरकिशन सिंह ने बताया कि सुबह श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बाबा बकाला के हरदीप सिंह और मोगा निवासी हरदेव सिंह के शव कब्जे में लेकर परिवारों के सुपुर्द कर दिए गए हैं। हरदीप का उसके गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। लोहड़ी पर हुई थी मां से बात

राजबीर सिंह ने बताया कि हरदीप सिंह की लोहड़ी वाले दिन मां चरणजीत कौर और पिता बलविदर सिंह के साथ हुई थी। हरदीप ने उन्हें बताया था कि वह बहुत खुश है और अगर वह लोहड़ी के दिन बाबा बकाला में होता तो त्योहार अपने परिवार के साथ मनाता लेकिन आतंकी हमले ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।


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