सास-ससुर ने बहू को बेटी की तरह पढ़ाकर पेश की नई मिसाल
अमृतसर : 'जे नूहां तो सत्कार मिले, क्यों सस्सां लड़न गीयां, जे मापिया वरगा प्यार मिले, क्यों धीयां सड़न गीयां..' गायक फिरोज खान का यह गीत प्रताप नगर निवासी जस¨वदर ¨सह के परिवार पर बिल्कुल स्टीक बैठता है, जिन्होंने अपनी बहू सिमरनजीत कौर को केंद्र सरकार की स्कीम 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' को पूरा करते हुए सेनेटरी इंस्पेक्टर (एसआइ) का कोर्स करवाया है।
हरदीप रंधावा, अमृतसर
'जे नूहां तो सत्कार मिले, क्यों सस्सां लड़न गीयां, जे मापिया वरगा प्यार मिले, क्यों धीयां सड़न गीयां..' गायक फिरोज खान का यह गीत प्रताप नगर निवासी जस¨वदर ¨सह के परिवार पर बिल्कुल स्टीक बैठता है, जिन्होंने अपनी बहू सिमरनजीत कौर को केंद्र सरकार की स्कीम 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' को पूरा करते हुए सेनेटरी इंस्पेक्टर (एसआइ) का कोर्स करवाया है।
माता चरण कौर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट से एसआइ का कोर्स करने वाली सिमरनजीत कौर भी अब जॉब कर अपने परिवार के लिए कमाऊ पुत्र वाली भूमिका निभाएंगी। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट (एआइआइएलएसजी) की तरफ से घोषित हुए एसआइ के रिजल्ट में माता चरण कौर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों नाम रोशन किया है। इंस्टीट्यूट के अव्वल रहे छात्रों में मोहित धवन ने 75 प्रतिशत अंक हासिल कर राज्य में पहला, सिमरनजीत कौर ने दूसरा व कंवलजीत कौर ने तीसरा स्थान हासिल किया है। इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन सुख¨वदर कौर संधू, मैने¨जग डायरेक्टर (एमडी) डा. रंजीत ¨सह व ¨प्रसिपल एसके मेनन ने मेधावी रहे एसआइ विद्यार्थियों को बधाई व शुभकामनाएं दी।
तरक्की के लिए समाज को बदलनी होगी सोच
प्रताप नगर निवासी हरप्रीत ¨सह ने बताया कि उनके परिवार में उनकी पत्नी ज¨तदर कौर व उनकी मां र¨जदर कौर सहित एक बेटा व एक बेटी और एक बहू हैं। उनका कहना है कि उनका एक बेटा व एक बेटी नहीं बल्कि दो बेटियां हैं, वह अपनी बहू सिमरनजीत कौर को भी अपनी बेटी ही समझते हैं। उनका बेटा एम-टेक है और उनकी बहू सिमरनजीत कौर बारह क्लास तक पढ़ी थी, जोकि वर्तमान में बहुत कम पढ़ाई थी और वे चाहते थे जिस तरह उनका बेटे ने हायर एजुकेशन हासिल की है, ठीक उसी तरह उनकी बहू यानि सिमरनजीत कौर भी आगे पढ़ाई करके अपने पैरों पर खड़ी हो सके।
एसआइ का कोर्स करने को प्रोत्साहित किया
बहू सिमरनजीत कौर को उन्होंने एसआइ का कोर्स करने के लिए उत्साहित किया, जिसकी बदौलत आज वह कोर्स खत्म कर चुकी है। हरप्रीत ¨सह का कहना है कि यदि समाज ने तरक्की करनी है, तो बहुओं को भी बेटियों की तरह समझकर आगे बढ़ाना चाहिए। सिमरनजीत कौर ने कहा कि भले ही घरेलू काम होने के चलते पढ़ाई में मुश्किल आती थी, मगर उनकी सास व दादी सास उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करती थी। उन्होंने कहा कि ससुर परिवार का सहयोग लेने के लिए सभी बहुओं को अपने मां-बाप की तरह ही समझना चाहिए, ताकि समाज को नई दिशा दी जा सके।