गुरु नानक देव अस्पताल के डॉक्टर नहीं लिखते सरकारी दवा
गुरु नानक देव अस्पताल के कुछ डॉक्टर निजी मेडिकल स्टोर्स से सांठ गांठ कर कमीशन का खेल खेल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरु नानक देव अस्पताल के कुछ डॉक्टर निजी मेडिकल स्टोर्स से सांठ गांठ कर कमीशन का खेल खेल रहे हैं। मरीजों को सरकारी दवाएं नहीं दी जातीं, बल्कि निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं लाने को मजबूर किया जा रहा है।
यह आरोप आरटीआइ कार्यकर्ता रविदर सुल्तानविड ने लगाया। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुल्तानविड ने कहा कि वह अपने रिश्तेदार की पांच वर्षीय बेटी अक्षु को पेट में इंफेक्शन होने पर अस्पताल लाए। यहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप अग्रवाल ने उसकी जांच के बाद सभी सरकारी दवाएं उपलब्ध करवाईं। दो दिन बाद जब वह फिर से बच्ची को दिखने गए तो डॉ. अग्रवाल विभागीय काम से जालंधर गए थे। इस पर उन्होंने बच्ची का चेकअप डॉ. निर्मला से करवाया। डॉ. निर्मला ने पर्ची पर दवा लिखकर बाहर स्थित निजी मेडिकल स्टोर से खरीदने को कहा।
रविदर के अनुसार बच्ची को लेकर वह अपने घर आ गए और अपने घर के पास केमिस्ट से दवा लेने के लिए गए। केमिस्ट ने साफ कह दिया कि यह दवा आपको केवल गुरु नानक देव अस्पताल के बाहर से ही मिलेगी। रविदर का कहना है कि डॉक्टर की ओर से मरीज को वही दवा लिख कर देनी चाहिए जो सभी स्थानों से आसानी से मिल जाए। ऐसा नहीं कि डॉक्टर एक ही दुकान पर दवाइयां रखवाए और वहां से खरीदे जाने पर कमीशन खाए। दवा न मिलने के कारण रात को बच्ची की तबीयत खराब हो गई। वह इसकी शिकायत आला अधिकारियों से करेंगे।