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शहर पिछड़ा क्योंकि 90 प्रतिशत लोगों को स्वच्छता सर्वे की जानकारी ही नहीं

स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में अमृतसर अब तक किए गए प्रयासों से प्रदेश में दूसरा और देश में 34वां रैंक हासिल करने में सफल रहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 09:00 AM (IST)
शहर पिछड़ा क्योंकि 90 प्रतिशत लोगों को स्वच्छता सर्वे की जानकारी ही नहीं
शहर पिछड़ा क्योंकि 90 प्रतिशत लोगों को स्वच्छता सर्वे की जानकारी ही नहीं

जागरण संवाददाता, अमृतसर: स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में अमृतसर अब तक किए गए प्रयासों से प्रदेश में दूसरा और देश में 34वां रैंक हासिल करने में सफल रहा। यह पिछले साल के मुकाबले पांच पायदान चढ़ा है। हालांकि इंदौर लगातार पांचवीं बार देश में नंबर वन रहा। ऐसे में अमृतसर को भी इस शहर से प्रेरित होकर वो सभी कदम उठाने चाहिए जिससे हमारा शहर भी देश में नंबर वन पर आ सके।

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इस बार के सर्वे में हालांकि कुल करीब 43 फीसद अंक कटे हैं। इनमें शहर के पिछड़ने का बड़ा कारण है इस संबंधी निगम आम जन को पूरी तरह जागरूक ही नहीं कर पाया, क्योंकि अधिक जनभागीदारी से ही शहर स्वच्छ बनेगा और वे इस सर्वे में बेहतर ढंग से फीडबैक दे सकेंगे। हालांकि निगम की तरफ से यही दावे किए जाते रहे है कि हर घर तक पहुंच कर लोगों को स्वच्छता संबंधी जागरूक करने का अभियान चलाया है। मगर हकीकत इससे कोसों दूर है।

नगर निगम की ओर से स्वच्छता संबंधी सर्वे किया जाता है। इस संबंधी जब जमीनी स्तर पर पड़ताल करने के लिए शहर के अलग-अलग इलाकों मजीठा रोड, इस्लामाबाद, जौड़ा फाटक, रणजीत एवेन्यू के करीब 50 लोगों के साथ बात की। इनमें से करीब 40 लोगों ने कहा कि उन्हें स्वच्छता सर्वे की जानकारी नहीं है और सिर्फ 10 लोगों ने बताया कि उन्हें इसका पता है। साथ ही दोनों का कहना था कि उन्होंने कभी इस सर्वे में भाग नहीं लिया, क्योंकि उन्हें इस स्वच्छता सर्वे में भाग कैसे लेना है, इसकी जानकारी नहीं है। अच्छे से निगम जागरूक करता तो बढ़ सकते थे नंबर

स्लच्छता सर्वे की परीक्षा कुल 6000 नंबर की है। इनमें से 1800 नंबर केवल सिटीजन वायस के लिए थे। इसमें लोगों ने अपना फीडबैक देना होता कि शहर में साफ-सफाई को लेकर किए गए इंतजामों से वह खुश है या नहीं। ऐसे में इस बार अमृतसर को 1281.11 अंक हासिल हुए। हालांकि यह पिछले साल से करीब 235 अंक ज्यादा हैं। पिछले साल 1046.27 अंक मिले थे। अगर निगम लोगों को अच्छे से जागरूक करते हुए अभियान में शामिल करता तो यह अंक इंदौर की तरह बढ़ जाएंगे।

इंदौर की तरह अमृतसर में सफाई को बनाना होगा जन आंदोलन

इंदौर में स्वच्छता जन आंदोलन बन गया है। नागरिकों को कूड़ा प्रबंधन और सफाई के लिए शिक्षित किया गया। इस अभियान में एनजीओ की भूमिका अहम रही है। ऐसे में अमृतसर में भी इसी तरह कदम उठाने होंगे और एनजीओज को साथ जोड़कर इसे जनआंदोलन बनाना होगा। शहर में कई इलाकों में अभी भी कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। समय पर इसकी लिफ्टिंग नहीं हो पाती। कई इलाकों में लोग खुले में या फ्रि प्लाटों में कूड़ा फेंक देते हैं। ऐसे में उन्हें जागरूक करना बहुत जरूरी है। लोगों की आवाज

सभी का सहयोग जरूरी, जमीनी स्तर पर काम करना होगा

मजीठा रोड निवासी रजिदर शर्मा ने कहा कि शहर की सफाई को लेकर बातें तो बड़ी-बड़ी की जाती है। मगर इसकी बजाए जमीनी स्तर पर काम करना होगा, क्योंकि निगम की कूड़ा इकट्ठा करने वाली गाड़िया कभी भी समय पर नहीं पहुंचती हैं। जहां कहीं कंटेनर रखे गए हैं, वहां पर कूड़ा जमा होने दिया जाए। हर दो घंटे के बाद कंटेनरों की सफाई होनी चाहिए। इससे आम लोगों को भी कूड़ा फेंकने में दिक्कत नहीं होगी। स्थानीय निवासी मीनूपाल ने कहा कि सफाई रखने के लिए आम लोगों के सहयोग की बहुत ज्यादा जरूरत रहती है। इसके लिए न केवल निगम को लोगों को जागरूक करना होगा। बल्कि गंदगी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी रखना होगा। साथ ही निगम के कर्मचारी जिनकी डयूटी है, सफाई प्रबंधन की। उन्हें भी टाउम बाउंड करना होगा। कोट

स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं। इसके लिए पंफ्लेट, पोस्टर आदि बनवाकर भी लगाए गए थे। इसके अलावा डोर टू डोर भी अभियान चलाया गया। बावजूद इसके अभी पूरी तरह लोगों तक पहुंच नहीं बनाई जा सकी है। मगर इस संबंधी लगातार काम किया जा रहा है और अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जा रही है ताकि अमृतसर को सबसे स्वच्छ शहर बनाया जा सके।

करमजीत सिंह रिटू, मेयर, नगर निगम

लोगों को जागरूक करेंगे

सामाज सेवक एडवोकेट विजयंत खन्ना ने कहा कि हर किसी की जिम्मेदारी बनती है कि अपने शहर को बेहतरीन शहरों में शामिल करवाने के लिए प्रयास किए जाएं। इसके लिए साफ-सफाई रखना और अन्य लोगों को भी इस काम के लिए प्रेरित करना जरूरी है। इसलिए मैं शपथ लेता हूं कि अपने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए लगातार प्रयास करूंगा। पहले भी शहर की सफाई के लिए काम कर रहा हूं और आगे भी इसे जारी रखूंगा। लोगों को भी जागरूक करूंगा। उन्हें आग्रह किया जाएगा कि वह सभी अपने इर्द-गिर्द न तो गंदगी फैलाएं और न ही फैलने दें ताकि हम भी अपने शहर को इंदौर से भी ज्यादा साफ-सुथरा बना सकें।


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