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जीएनडीएच में तीन दिन से मरीजों की नहीं हुई एमआरआइ

। गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) स्थित रेडियोलाजी विभाग में आक्सीजन का सिलेंडर टकराने से क्षतिग्रस्त हुई एमआरआइ मशीन की रिपेयर का काम दो दिन बीतने पर भी शुरू नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 04:26 PM (IST)
जीएनडीएच में तीन दिन से मरीजों 
की नहीं हुई एमआरआइ
जीएनडीएच में तीन दिन से मरीजों की नहीं हुई एमआरआइ

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) स्थित रेडियोलाजी विभाग में आक्सीजन का सिलेंडर टकराने से क्षतिग्रस्त हुई एमआरआइ मशीन की रिपेयर का काम दो दिन बीतने पर भी शुरू नहीं हो पाया है। अस्पताल प्रशासन ने तकनीकी टीम को इसकी जांच के लिए कहा है, मगर अभी तक टीम ही यहां नहीं पहुंची। एमआरआइ मशीन बंद होने से मरीज परेशान हो रहे हैं।

इस मशीन से प्रतिदिन 10 से 15 मरीजों के एमआरआइ टेस्ट किए जाते थे। वर्तमान में मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों पर जाकर टेस्ट करवाने के लिए चार से पांच हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इधर, मामले की जांच के लिए गठित टीम ने शनिवार को रेडियोलाजी विभाग के स्टाफ से पूछताछ भी की है।

दरअसल, बीते वीरवार को एक मरीज को स्ट्रेचर पर लिटाकर एमआरआइ कक्ष तक लाया गया। स्ट्रेचर पर आक्सीजन सिलेंडर था। दर्जा चार कर्मचारी ने आक्सीजन सिलेंडर स्ट्रेचर से उतारा और एमआरआइ कक्ष के प्रवेश द्वार पर रख दिया। चुंबकीय शक्ति से लैस एमआरआइ मशीन ने इस सिलेंडर को अपनी ओर खींच लिया। आक्सीजन सिलेंडर सीधे एमआरआइ मशीन से टकराया। इस हादसे में एमआरआइ मशीन क्षतिग्रस्त हो गई। बताया जा रहा है कि मशीन के अंदरूनी पा‌र्ट्स भी डैमेज हुए हैं।

दूसरी तरफ तकनीकी टीम द्वारा मशीन की रिपेयर से पूर्व इसका आकलन किया जाना है, लेकिन टीम अभी तक यहां नहीं पहुंची है।

तकनीकी टीम को शीघ्र आने को कहा है : डा. अत्री

मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. जेपी अत्री ने कहा कि मशीन कितनी क्षतिग्रस्त हुई है। यह तो तकनीकी टीम के आकलन से स्पष्ट होगा। मैंने तकनीकी टीम से पुन: संपर्क कर शीघ्र यहां आने को कहा है। जांच कमेटी ने कर्मचारियों के बयान कलमबद्ध किए

मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। कमेटी में पीडिएट्रिक विभाग की प्रोफेसर डा. मनमीत कौर सोढ़ी, सर्जरी-दो के इंचार्ज डा. सुमितोज धारीवाल, असिस्टेंट प्रोफेसर डा. पिशोरा सिंह, आर्थो वार्ड-दो के प्रो. डा. राजेश कपिला को शामिल किया गया है। शनिवार को जांच कमेटी ने रेडियोलाजी विभाग में कार्यरत कुछ कर्मचारियों के बयान कलमबंद किए। कमेटी सोमवार तक जांच रिपोर्ट मेडिकल सुपरिटेंडेंट को सौंपेगी। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. जेपी अत्री ने कहा कि कमेटी में रेडियोलाजी विभाग के किसी अधिकारी को शामिल नहीं किया गया, क्योंकि वह इस मामले की पारदर्शी जांच चाहते हैं। लापरवाही साबित होने पर संबंधित स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।


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