सिद्धू के कांग्रेस चीफ बनते ही बढ़ा दत्ती, बुलारिया, डैनी का सियासी कद
अमृतसर विधानसभा हलका पूर्वी से विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रधान बनाए जाने के बाद स्थानीय विधायकों का सियासी कद भी बढ़ गया है।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर : अमृतसर विधानसभा हलका पूर्वी से विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रधान बनाए जाने के बाद स्थानीय विधायकों का सियासी कद भी बढ़ गया है। पिछले चार सालों से कांग्रेस में ही खुद को असहज महसूस कर रहे विधायक हमेशा ही सेकेंड लाइन में प्ले करते रहे हैं, पर सिद्धू के चीफ बनने के बाद वह फ्रंटलाइन में आ गए हैं। यही वजह रही कि मंगलवार को धार्मिक स्थलों में आशीर्वाद लेने के लिए रखे गए समारोहों में यह विधायक फ्रंटलाइन पर मोर्चा संभाले दिखाए दिए।
श्री दरबार साहिब में माथा टेकने से शुरू हुए कारवां की बात करें तो पीपीसीसी प्रधान बनने के बाद सिद्धू की पहली फेरी को यादगार बनाने में विधायक व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे इंद्रबीर सिंह बुलारिया ने पूरी ताकत लगा दी। वैसे तो सोमवार को चंडीगढ़ से अमृतसर आते हुए बुलारिया ने सिद्धू की गाड़ी का स्टेरिग संभाले रखा। दोनों नेताओं की खास बात यह है कि दोनों ही अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार का हिस्सा रहे हैं और गठबंधन से दोनों ही नेताओं ने शिअद में माझा के जरनैल माने जाने वाले बिक्रम सिंह मजीठिया की वजह से ही किनारा किया था। तब से ही दोनों में अच्छा तालमेल रहा है। विधानसभा में भी बुलारिया हमेशा ही सिद्धू के पक्ष में डटे दिखाई दिए। कैप्टन सरकार में बतौर विधायक उनकी कुछ खास भूमिका नहीं थी, पर अब सिद्धू को ताकत मिलने के बाद जिस तरह से वह सक्रिय हुए हैं, यह जरूर माना जा रहा है कि वह सिद्धू टीम का अहम अंग होंगे।
फ्रंट फुट पर आए दत्ती व डैनी
पहली बार विधायक बन पंजाब सरकार का हिस्सा बने विधायक सुनील दत्ती और सुखविदर सिंह डैनी भी सिद्धू के साथ अब फ्रंट फुट पर दिखाई दे रहे हैं। दोनों ही नेता पिछले दो दिनों से उनके साथ हैं। जिले के कद्दावर नेताओं की वजह से इन नेताओं की पहले जो सुनवाई नहीं हो रही थी, अब उन्हें भी उम्मीद है कि आने वाले दिन उनके लिए अच्छे होंगे। यही वजह रही कि श्री दुग्र्याणा तीर्थ पर दत्ती ने बुधवार को कमान संभाले रखी और वहां डैनी ने भी उनके साथ कदमताल मिलाई। डा. राजकुमार वेरका, तरनतारन के विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री, सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी, कमेटी के प्रधान रमेश शर्मा, महासचिव अरुण खन्ना, विधु पुरी, पार्षद सुनीर शर्मा सोनू, यूथ कांग्रेस के प्रधान आदित्य दत्ती, प्रदीप शर्मा, सीए विजय उमठ, राजी महाजन मौके पर मौजूद रहे।
वेरका व सरकारिया ने रामतीर्थ का संभाला मोर्चा
सोशल इंजीनियरिग के तहत मंगलवार को सिद्धू पहले दरबार साहिब, फिर दुग्र्याणा तीर्थ और बाद में रामतीर्थ पहुंचे और भगवान वाल्मीकि जी का आशीर्वाद लिया। रामतीर्थ के मोर्चे पर वेरका ने जहां भूमिका अदा की, वहीं कैबिनेट मंत्री सुखबिदर सिंह सरकारिया ने भी पूरी ताकत के साथ वहां उनका स्वागत किया। सरकारिया का तो सरकार में अच्छा मुकाम रहा, पर वेरका दलित नेता होने के बावजूद खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। कई बार चर्चाएं भी उठी की उन्हें सरकार में डिप्टी सीएम या फिर पीपीसीसी प्रधान लगाया जा रहा है, पर दोनों में से कुछ नहीं मिला। यही वजह रही कि उन्होंने कैप्टन की जगह सिद्धू के साथ चलना मुनासिब समझा।
रिटू बेडे़ में सवार, सोनी, बस्सी, हरप्रताप रहे दूर
सिद्धू के बेडे़ से अभी तक बाहर चल रहे मेयर करमजीत सिंह रिटू भी उनके साथ आ सवार हो गए हैं। मंगलवार सुबह वह सिद्धू की कोठी पहुंचे और उन्हें प्रधान बनने की बधाई दी। सिद्धू की मर्जी के खिलाफ कैप्टन ने रिटू को शहर का मेयर बनाया था और तब भी बहुत विवाद हुआ था। उस समय सिद्धू खेमा मेयरशिप की ताजपोशी का बायकाट कर गया था। दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी, अजनाला से विधायक हरप्रताप सिंह अभी भी सिद्धू से दूरी बनाए हुए हैं।
धार्मिक स्थलों पर चोटिल सिद्धू को विधायकों ने संभाला : मंगलवार को पैर के अंगूठे का नाखून उतरने के कारण सिद्धू चलने असहज महसूस करते रहे। विधायक इंद्रबीर सिंह बुलारिया और कुलबीर जीरा ने उनके बाजू पकड़ कर श्री दरबार साहिब की परिक्रमा करवाई तो श्री दुग्र्याणा तीर्थ में विधायक राजकुमार वेरका व सुनील दत्ती उन्हें संभालते रहे। श्रीराम तीर्थ में भी वेरका उनके साथ डटे रहे।