पिटू को उत्तरी हलके से भाजपा का टिकट, अपने सियासी गुरु रहे जोशी को देंगे टक्कर
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित की।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित की। इसमें अमृतसर शहरी हलकों की पांच सीटों में से अमृतसर उत्तरी से पार्टी के जिला महासचिव सुखमिदर सिंह पिटू को टिकट दी है। पिटू का शुमार पूर्व कैबिनेट मंत्री व शिरोमणि अकाली दल के इसी हलके से प्रत्याशी अनिल जोशी के खासमखास में रहा है। वह जोशी की सियासी रणनीति के भी भलीभांति भेदी हैं। अब पिटू अपने सियासी गुरु रहे जोशी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेंगे। वह जोशी की टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। खास बात यह है कि भाजपा ने हिदू बहुल क्षेत्र में सिख चेहरे पर अपना दांव खेला है।
पिटू 2007 में पहली बार पार्षद बनकर नगर निगम सदन में पहुंचे। 2012 में वह दोबारा पार्षद चुने गए और निगम चुनाव में पंजाब में सबसे अधिक 6500 मतों की लीड उनके नाम पर है। 2012 में वह मेयरशिप की दौड़ में भी रहे और मेयरशिप के अहम दावेदारों में से एक हैं। 2017 में वार्ड महिला आरक्षित होने पर उनकी माता गुरदर्शन कौर पार्षद चुनी गईं। पिटू भाजपा के जिला महासचिव हैं और इससे पूर्व भी कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं। घर में जश्न: वर्करों ने लड्डुओं से मुंह मीठा करवाया, ढोल की थाप पर नाचे
पिटू के नाम की घोषणा के बाद उनके गोपाल मंदिर के पास स्थित कार्यालय पर बधाइयां देने वालों का तांता लग गया और भाजपाइयों ने लड्डुओं से मुंह मीठा करवाया और ढोल की थाप पर नाचे। पिंटू ने पार्टी हाईकमान द्वारा उन्हें टिकट देने पर आभार व्यक्त किया। पिटू ने कहा कि पार्टी ने उन पर जो विश्वास व्यक्त किया है, भाजपा की पूरी टीम को साथ लेकर उस पर खरा उतरा जाएगा। उत्तरी हलके का शुमार पार्टी की परंपरागत सीटों में होता रहा है और इस बार भी इसे जीतकर पार्टी की झोली में डाला जाएगा। जोशी का 'पीपीएस' कोरम था मशहूर, मनमुटाव होने पर टूटा
पूर्व मंत्री जोशी का 'पीपीएस' कोरम खासा मशहूर था। पीपीएस मतलब पिटू, पप्पू और सिक्का यानी सुखमिदर पिटू, पप्पू महाजन और अनुज सिक्का। उत्तरी हलके की जोशी की यह तिकड़ी पूरे शहर में प्रसिद्ध थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में जोशी के साथ मनमुटाव होने के बाद पप्पू व सिक्का चाहे उनका साथ छोड़ गए थे, पर पिटू तब भी उनके साथ रहे और पार्टी प्लेटफार्म पर जोशी के हक में आवाज बुलंद करते रहे। जोशी के अकाली दल में जाने के बाद पिटू ने भी उनसे किनारा कर लिया। पिटू, पप्पू और सिक्का तीनों ही थे दावेदार
उत्तरी विधानसभा हलके से पार्टी टिकट के लिए पिटू, पप्पू और सिक्का तीनों ही दावेदार थे, पर उनमें पहले ही सहमति बन गई थी कि जिसे भी पार्टी से टिकट मिलेगा, सब एकसाथ चलेंगे। तीनों ही दो से तीन बार अपने वार्डो से पार्षद का चुनाव जीते हुए हैं और भाजपा के अहम पदों पर दायित्व निभा रहे हैं। हलके में भाजपा का अच्छा खासा कैडर वोट, चार बार जीती
उत्तरी हलके में भाजपा का अच्छा खासा कैडर वोट है। पार्टी 1952 से यहां से चुनाव लड़ती आ रही है और हमेशा ही अच्छी स्थिति में रही है। 1951 से अभी तक हलके में हुए 11 चुनाव में से सात बार कांग्रेस तो चार बार भाजपा विजयी रही है। दो बार की भाजपा की जीत अनिल जोशी के नाम है। 2017 में जोशी की हैट्रिक को कांग्रेस के सुनील दत्ती ने रोक दिया था। दत्ती और जोशी इस बार भी मैदान में है। अब चिकोणे मुकाबले के लिए मैदान तैयार, इनमें होगी टक्कर
कांग्रेस : सुनील दत्ती :
पूर्व मेयर रहे है और यह उनका तीसरा विधानसभा चुनाव है। 2012 में वह पूर्वी हलके से चुनाव हार गए थे। 2017 के चुनाव में उत्तरी हलके में उन्हें 59212 यानी कुल मतों का 52.18 फीसद वोट मिले थे।
अकाली दल : अनिल जोशी :
पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं। 2007 और 2012 में भाजपा की टिकट पर हलके से चुनाव जीता और अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री बने। 2017 में उन्हें 44,976 वोट यानी कुल मतों का 38.04 फीसद वोट मिले थे।
आम आदमी पार्टी : कुंवर विजय प्रताप सिंह :
पंजाब पुलिस के पूर्व आइजी हैं और विधानसभा हलका उत्तरी से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। शहर में वह आम आदमी पार्टी का मुख्य चेहरा हैं। 2017 के चुनाव में हलके में आप के उम्मीदवार मनीष अग्रवाल को 10,966 वोट यानी कुल मतों का 9.36 फीसद वोट मिले थे।