विधानसभा हलका राजासांसी: 2017 में सरकारिया ने बनाई थी हैट्रिक, छठी बार उन्हें टक्कर देंगे लोपोके
विधानसभा हलका राजासांसी कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के सियासी द्वंद का अखाड़ा रहा है।
विपिन कुमार राणा, अमन देवगन, अमृतसर: विधानसभा हलका राजासांसी कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के सियासी द्वंद का अखाड़ा रहा है। पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री सुखबिदर सिंह सरकारिया वर्तमान में हलके का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सरकारिया ने 2017 में लगातार तीसरी बार हलके से जीत की हैट्रिक बनाई, पर पिछले छह चुनाव में लगातार अकाली दल देहाती के प्रधान वीर सिंह लोपोके उन्हें कड़ी टक्कर देते आए हैं। विधानसभा हलका राजांसासी से फिलहाल सरकारिया के सामने किसी नेता द्वारा पार्टी टिकट के लिए नामांकन न भरने की वजह से उन्हें पार्टी टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। दूसरी तरफ अकाली दल ने पहले ही वीर सिंह लोपोके को यहां से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। 1977 से अब तक कांग्रेस हलके में पांच बार 1980, 1992, 2007, 2012, 2017 में विजयी रही। इसमें 2007,2012,2017 की जीत सरकारिया के खाते में है। अकाली दल यहां तीन बार 1985, 1997, 2002 में विजयी रहा। 1997 व 2002 में वीर सिंह लोपोके यहां से विधायक रहे। हलके की सबसे बड़ी जीत 1997 अकाली दल ने 20655 मतों और छोटी जीत 1992 कांग्रेस ने 772 से दर्ज की। औलख, जस्सोवाल, चविडा दावेदार
भारतीय जनता पार्टी में भी राजासांसी से पार्टी टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। भाजपा अमृतसर देहाती के प्रधान हरदयाल सिंह औलख जहां पार्टी टिकट चाहते हैं, वहीं पार्टी के महासचिव संदीप कुमार जस्सोवाल और भाजपा किसान मोर्चा देहाती के प्रधान कुलदीप सिंह चविडा भी टिकट की दौड़ में बने हुए हैं। पार्टी टिकट को लेकर सभी आकाओं की शरण में है। आप ने बलदेव मियांदिया को उतारा
आम आदमी पार्टी ने बलदेव सिंह मियादिया को हलके में मैदान में उतारा है। 2017 का चुनाव आप की टिकट पर जगजोत सिंह ढिल्लों ने लड़ा था और उन्हें 10.08 फीसद वोट मिले थे।
विधानसभा हलका 12-राजासांसी :
कुल मतदाता : 173540
पुरुष मतादाता : 91415
महिला मतदाता : 82125
थर्ड जेंडर : 11 राजासांसी हलके की बड़ी समस्याएं
-सीवरेज व्यवस्था से लोग त्रस्त है।
-टूटी सड़कें कई बार बनाने के बाद भी टूट जाती हैं।
-लोगों को राज्य सरकार की आटा दाल स्कीम का लाभ नहीं मिल सका।
-नशे पर अंकुश नहीं लग पाया।
-बेरोजगारी। पब्लिक स्पीक..
कुलदीप सिंह भीलोवाल का कहना है कि दावे तो बहुत किए गए हैं कि विकास कार्य हुए हैं। अगर राजासांसी मेन शहर को छोड़ आसपास के गांवों में जाकर देखा जाए तो वहां की स्थिति खराब है। नालियां से बाहर पानी बहता है। कई जगह पर कूडे़ के ढेर लगे हैं। थोड़ी बहुत गलियां ही बनी हैं। संदीप सिंह का कहना है कि राजासांसी में विकास कार्य तो हुए हैं लेकिन जितना विधायक बनने के बाद कैबिनेट मंत्री बने सुख सरकारिया ने दावा किया था उतना काम नहीं हुआ। जो उन्होंने चुनावी वायदे किए थे, वह पूरे नहीं हुए है। शिल्पा ग्रोवर ने कहा कि राजासांसी हलके में बहुत ज्यादा विकास नहीं हुआ है। हालात तो यह है कि अगर लोगों को जरूरत पड जाए तो एमसी तक उपलब्ध नहीं रहते है। कैबिनेट मंत्री होने के नाते जिस तरह का विकास होना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ।