स्ट्रीट वेंडिग स्कीम : 435 रेहड़ियां हटानी थीं, 86 दिनों में एक भी नहीं हटी
अमृतसर पंजाब का पहला स्ट्रीट वेडिग पायलेट प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही अटक गया है।
सबहेड: —लोकसभा चुनाव की भेंट चढ़ा पंजाब का पहला पायलेट प्रोजेक्ट, सिटी सेंटर की जगह फिर से मेन रोड पर लगी रेहड़ियां।
क्रॉसर: 24 जनवरी को मेयर व कमिश्नर ने दो जगहों से रेहड़ियां हटा स्ट्रीट वेंडिग जोन में शिफ्ट करने का किया था उद्घाटन।
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विपिन कुमार राणा, अमृतसर
पंजाब का पहला स्ट्रीट वेडिग पायलेट प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही अटक गया है। बस अड्डा व शहीदां साहिब गुरुद्वारा मेन रोड पर लगी 435 रेहड़ियां प्रोजेक्ट के तहत शिफ्ट करते हुए रेहड़ी मार्कीट में लगाई जानी थी, मगर सियासी दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में 86 दिन बीत जाने के बाद एक भी रेहड़ी शिफ्ट नहीं हो सकी है। मेयर करमजीत सिंह रिटू ने 24 जनवरी 2019 को पायलेट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था, लेकिन अधूरी तैयारी की वजह से रेहड़ीवालों के विरोध व शिफ्टिंग में सियासत के आड़े आने की वजह से काम आज तक लटका हुआ है।
बताते चलें कि स्ट्रीट वेंडिग स्कीम के तहत दोनों जगहों की रेहड़ियों को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत
रेहड़ी मार्कीट में शिफ्ट किया जाना है। किरण सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन कंपनी द्वारा रेहड़ी वालों को सस्ती दर पर स्मार्ट रेहड़ी मुहैया करवाई जानी हैं, जिससे मार्कीट की एकसारता बनी रहेगी। इसके तहत रेहड़ीवालों को स्मार्ट कार्ड व सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। रेहड़ी मार्कीट में शिफ्ट करने के लिए 43 प्वाइंट चिन्हित
किए गए हैं। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत महासिंह गेट से लेकर बस अड्डा 190 और गुरुद्वारा शहीदां साहिब के आसपास की 245 यानी कुल 435 रेहड़ियों को सिटी सेंटर व बुलारिया पार्क के पास बनाई गई रेहड़ी मार्कीट में शिफ्ट किया जाएगा। रेहड़ीवालों को स्मार्ट रेहड़ी दी जाएगी। रेहड़ी मार्कीट में सोलर सिस्टम से लाइट, फायर फाइटिग सिस्टम, सफाई, टॉयलेट, डस्टबिन, लाइट और एक चौकीदार के साथ पक्के तौर पर सफाई सेवक का प्रबंध किया जाना है।
शहर में सड़कों पर लगी हैं 16257 रेहड़ियां
कंपनी द्वारा साल 2016-17 में एक सर्वे के करवाया गया था। जिसके मुताबिक 16257 रेहड़ियां चिन्हित की गई थी। इनमें स्पेशल चिप लगाकर स्मार्ट कार्ड तैयार किए गए हैं। कंपनी द्वारा उन्हें मुहैया करवाई जानी वाली रेहड़ी की कीमत 75 हजार रुपये प्रति रेहड़ी तय की गई है, जिसमें जीएसटी अलग से तय किया गया है। इसके लिए बैंक द्वारा फाइनेंस की सुविधा भी मिलेगी। रेहड़ी वाले को एक स्मार्ट कार्ड और एक वेंडर सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिसे प्रति व्यक्ति से 200 रुपए की कीमत के साथ पांच साल के लिए जारी किया जाएगा। रेहड़ीवालों ने किया था प्रोजेक्ट का विरोध
प्रोजेक्ट का रेहड़ीवालों ने यह कहते हुए विरोध किया था कि यह रेहड़ी फड़ी मजदूरों के साथ बड़ा धोखा है। उनका आरोप था कि हर छोटी बड़ी रेहड़ी के मालिक पर प्रति माह 1500 रुपये टैक्स थोप दिया है। शहर में 16 हजार से अधिक रेहड़ी फड़ी वाले हैं, जिनके साथ परिवार के लाखों सदस्यों का पालन पोषण होता है। अगर इन पर यह टैक्स लगाया जाता है तो शहर के लाखों गरीब लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। रेहड़ी वाले पहले ही कोई भी सामान बेचने के लिए लाते हैं तो पहले से ही सरकार को उसका नौ प्रतिशत टैक्स भरते हैं। यह टैक्स मार्केट कमेटी को दिया जाता है। इसलिए सरकार को चाहिए के दो-दो टैक्स लगाने की बजाए एक ही टैक्स लगाया जाए।
लोकसभा चुनाव के बाद शुरू होगा प्रोजेक्ट : मेयर
स्ट्रीट वेंडिग स्कीम प्रोजेक्ट लोकसभा चुनाव के बाद शुरू किया जाएगा। इसका ग्राउंड वर्क पूरा कर लिया गया है। थोड़ी दिक्कत आई थी, उसे भी दूर कर लिया गया है। निगम किसी का रोजगार इससे छीनने नहीं जा रहा, बल्कि उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत सुविधाओं से युक्त मार्केट रेहड़ीवालों को मिलेगी।
—करमजीत सिंह रिटू, मेयर