पार्क में खेलने जा रहे बच्चे पर आवारा कुत्तों का हमला, 100 मीटर घसीटकर ले गए
अमृतसर महिदरा कॉलोनी स्थित पार्क में खेलने जा रहे छह वर्षीय बच्चे पर आवारा कुत्तों का झुंड टूट पड़ा।
— छह वर्षीय बच्चे को नोंचने वाला था आवारा कुत्तों का झुंड, पार्क में सैर कर रहे लोगों से बचाया
— महिदर कॉलोनी की घटना सीसीटीवी में हुई कैद
— लोगों में निगम प्रशासन के प्रति रोष।
फोटो — 22, 23, 24
जागरण संवाददाता, अमृतसर
महिदरा कॉलोनी स्थित पार्क में खेलने जा रहे छह वर्षीय बच्चे पर आवारा कुत्तों का झुंड टूट पड़ा। कुत्तों ने इस बच्चे को पार्क के गेट से दबोचा और दांत गढ़ाकर खींचते हुए 100 मीटर दूर तक ले गए। आवारा कुत्ते इस बच्चे को नोंच कर मार डालते, यदि आसपास के लोग मदद के लिए आगे न आते।
दरअसल, महिदरा कॉलोनी स्थित पार्क में रविवार के दिन सैर करने वाले लोगों व खेलने के लिए आने वालों की बच्चों की संख्या ज्यादा रहती है। सुबह तकरीबन आठ बजे छह वर्षीय बच्चा पार्क के प्रवेश द्वार से अंदर दाखिल होने लगा। इस दौरान छह आवारा कुत्ते उस पर टूट पड़े और बच्चे को दबोचकर घसीटते हुए ले गए। इसके बाद आवारा कुत्तों ने बच्चे को घेरकर नोंचना शुरू कर दिया। पार्क के बाहर खड़ी एक बच्ची ने उसे कुत्तों की चंगुल से निकालने के लिए पत्थर फेंका, पर कुत्ते नहीं हटे। इसके बाद बच्ची ने शोर मचा दिया। उसने पार्क में सैर करने आए लोगों से मदद मांगी। लोग पार्क से बाहर निकले और आवारा कुत्तों को खदेड़कर बच्चे की जान बचाई। यह दर्दनाक दृश्य देखकर सभी कांप उठे। इसके बाद कुत्तों की चंगुल से निकला बच्चा उठा और अपने दोस्तों के साथ वहां से चला गया।
यह सारी घटना महिदरा कॉलोनी पार्क के सामने लगे एक सीसीटीवी कैमरा में कैद हुई है। महिदरा कॉलोनी में रहने वाले अशोक भंडारी ने बताया कि यह बच्चा रानी का बाग क्षेत्र से यहां खेलने आया था। यदि पार्क में सैर कर रहे लोग मदद के लिए आगे न आते तो निश्चित ही आवारा कुत्ते बच्चे की जान ले लेते। नगर निगम प्रशासन ने आवारा कुत्तों को खुला छोड़ रखा है। निगम अधिकारी खुद बड़ी बड़ी गाड़ियों में चलते हैं, इसलिए उन्हें आवारा कुत्ते दिखाई नहीं देते। न ही कभी कुत्तों ने उन पर हमला किया। यही वजह है कि उन्हें शहरवासियों की तकलीफ नहीं दिखाई देती। कुत्तों ने एक साल में 6250 लोगों को जख्म दिया
नगर निगम प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है। वर्ष जनवरी से दिसंबर 2018 तक अमृतसर में आवारा कुत्तों ने 6250 लोगों को काटा। ये वो लोग हैं जो कुत्तों के काटने के बाद सरकारी अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आए। हकीकत में आवारा कुत्तों का शिकार लोगों की संख्या कहीं ज्यादा होगी, क्योंकि कई लोग निजी अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाते हैं, जिनका रिकॉर्ड सरकार सहेज नहीं पाती। कुत्तों से थर्रा रहा शहर
आवारा कुत्तों के आतंकवाद से पूरा शहर त्रस्त है। वॉल सिटी समेत सिविल लाइन एरिया में आवारा कुत्तों के झुंड दिन रात दनदना रहे हैं। मजीठा रोड, पुतलीघर, रंजीत एवेन्यू, बसंत एवेन्यू, छेहरटा, रामबाग सहित शहर की कोई ऐसी गली नहीं जहां दस से बारह आवारा कुत्ते न हों। वॉल सिटी स्थित ढाब खटिकां, शक्ति नगर में तो दर्जनों आवारा कुत्ते बेखौफ होकर घूमते हैं। निगम प्रशासन के अनुसार शहर में आवारा कुत्तों की संख्या दस से पंद्रह हजार है, जबकि हकीकत यह है कि आवारा कुत्तों का आंकड़ा पैंतीस से चालीस हजार तक पहुंच चुका है। खून के प्यासे बन चुके इन आवारा कुत्तों से त्रस्त शहर अब इनसे निजात पाने की मांग बार-बार दोहरा रहा है। नगर निगम प्रशासन के पास ऐसे सैकड़ों पत्र फाइलों में धूल फांक रहे हैं, जिनमें लोगों ने आवारा कुत्तों से मुक्त करवाने की मार्मिक अपील की है। हमने नसबंदी अभियान शुरू किया है : हेल्थ ऑफिसर
नगर निगम के हेल्थ ऑफिसर अजय कुंवर का कहना है कि हम आवारा कुत्तो की नसबंदी कर रहे हैं। फिलहाल 2000 आवारा कुत्तों की नसबंदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वैसे शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा है। 2000 कुत्तों की नसबंदी करने के बाद हम फिर से नसबंदी अभियान शुरू करेंगे।