पूर्व ¨प्रसिपलों को क्लीन चिट देने पर हाईकोर्ट जाएंगे सामाजिक कार्यकर्ता
जागरण संवाददाता, अमृतसर मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग द्वारा संचालित सरकारी मेडिकल कॉलेज अ
जागरण संवाददाता, अमृतसर
मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग द्वारा संचालित सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर में हुए डायलिसिस किट्स घोटाले के मामले में विभाग ने पूर्व ¨प्रसिपलों को क्लीन चिट दे दी है। विभाग ने डॉक्टरों पर चल रही जांच की कार्रवाई पर भी विराम लगा दिया है। हालांकि डॉक्टरों के खिलाफ विजिलेंस की ओर से वर्ष 2017 में केस दर्ज किया गया था।
यह जानकारी अमृतसर यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष र¨वदर सुल्तान¨वड व आरटीआई कार्यकर्ता रा¨जदर शर्मा ने शनिवार को पत्रकार सम्मेलन में दी। उन्होंने कहा कि कॉलेज के दो पूर्व ¨प्रसिपलों को विभाग ने ही चार्जशीट किया था। ऐसे में इन्हें अचानक क्लीन चिट देना समझ नहीं आ रहा। वह इस मामले को हाईकोर्ट में ले जा रहे हैं, ताकि सच सबके सामने आ सके।
र¨वदर सुल्तान¨वड ने कहा कि वर्ष 2013 में उन्होंने विभाग को शिकायत दी थी कि मेडिकल कॉलेज में मरीजों के लिए खरीदी गई एक हजार डायलिसिस किटों में व्यापक घोटाला हुआ है। इस एक किट का मूल्य 460 रुपये था, जबकि मेडिकल कॉलेज की परचेज कमेटी ने इसका मूल्य 1750 बताकर सरकार को चूना लगाया। इस शिकायत के आधार पर विभाग ने पटियाला कमेटी का गठन कर मामले की जांच शुरू की थी। पटियाला कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 2014 में प्रस्तुत की। इसमें साफ लिखा था कि डायलिसिस किट घोटाला हुआ है और लाखों रुपयों का हेरफेर किया गया है। इसके बाद विजिलेंस विभाग ने मामले की जांच की और 2017 में पूर्व ¨प्रसपिलों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
जांच में जब ये ¨प्रसिपल आरोपित पाए गए तो फिर विभाग की ओर से इन्हें क्लीन चिट कैसे दी गई, यह जांच का विषय है। वह इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाकर दूध का दूध और पानी का पानी सबके सामने लाएंगे।