Move to Jagran APP

फूलका का धामी को पत्र, लिखा- एक परिवार की राजनीति के लिए एसजीपीसी का इस्तेमाल न होने दें

एडवोकेट एचएस फूलका ने एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिदर सिंह धामी को एक पत्र भेजा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 11:55 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 11:55 PM (IST)
फूलका का धामी को पत्र, लिखा- एक परिवार की राजनीति के लिए एसजीपीसी का इस्तेमाल न होने दें
फूलका का धामी को पत्र, लिखा- एक परिवार की राजनीति के लिए एसजीपीसी का इस्तेमाल न होने दें

जागरण संवाददाता, अमृतसर: आम आदमी पार्टी (आप) के विधानसभा क्षेत्र दाखा से विधायक रहे व सिख मामलों के कानूनी विशेषज्ञ एडवोकेट एचएस फूलका ने कहा कि शिरोमणि कमेटी जैसे संस्थान को एक परिवार की राजनीतिक पार्टी के लिए उपयोग नहीं होने देना चाहिए। उनका इशारा बादल परिवार की तरफ था। इस मामले को लेकर एडवोकेट फूलका ने एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिदर सिंह धामी को एक पत्र भेजा है।

loksabha election banner

पत्र में एडवोकेट फूलका ने कहा कि उन्होंने धामी का आनंदपुर साहिब के संबंध में दिया बयान सुना तो काफी हैरानी हुई है कि एसजीपीसी जैसी बड़ी धार्मिक संस्था को एक परिवार की राजनीति के लिए उपयोग किया जा रहा है। उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) से निकालने के लिए धामी ने जो बयान दिया है वह गलत है, क्योंकि आप से खुद उन्होंने त्यागपत्र दिया था। इसका बड़ा कारण वर्ष 1984 के सिख दंगों के केस थे, क्योंकि 34 वर्षो के बाद उस वक्त सज्जन कुमार का केस दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए आ गया था। उस वक्त उनपर विधायक का पद होने के कारण बार कौंसिल ने उन्हें केस लड़ने से रोक दिया था। उन्होंने अपना फर्ज समझते हुए अपने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया था और केस लड़कर जीता। आज सज्जन कुमार तीन वर्षो से जेल में है। सोनी ने सिख सीएम बनाने का स्टैंड लिया तो अकाली दल ने हिदू वोट के लिए विरोध किया

पत्र में दूसरी बात पंजाब के सिख मुख्यमंत्री को लेकर कही है। इसमें कहा कि अकाल तख्त के जत्थेदार ने यह कहा था कि पंजाब का मुख्यमंत्री चाहे हिदू हो या सिख, इस बात का कोई फर्क नहीं है। उस पर भी उन्होंने उनको एक पत्र लिखकर एतराज जताया था। जब अंबिका सोनी ने पंजाब का मुख्यमंत्री सिख बनाने पर स्टैंड लिया था तो उस वक्त अकाली दल ने अंबिका सोनी का विरोध किया था और जत्थेदार से भी बयान दिलवा दिया कि पंजाब का मुख्यमंत्री चाहे कोई भी हो। उस वक्त अकाली दल ने सिर्फ हिदू वोट लेने के लिए ऐसा बयान जत्थेदार से दिलवाया था जो गलत है। पंजाब जब अलग प्रदेश बना था तो अकाली दल ने कहा था कि पंजाबी सूबे का मुख्यमंत्री हमेशा सिख ही होगा। अंबिका सोनी ने स्टैंड लिया तो अकाली दल उसके खिलाफ हो गया। वह अपने फायदे के लिए ही इस मुद्दे को उपयोग करता है। धामी से यह आशा नहीं की जा सकती थी कि वह एसजीपीसी को बादल परिवार की राजनीति मजबूत करने के लिए उपयोग होने देंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.