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उम्मीदवारों को गुरबाणी नहीं आई जुबानी, अब एसजीपीसी ने कर दिया जरूरी

एसजीपीसी ने अपनी धर्म प्रचार कमेटी के अधीन काम करने वाले मुख्य ग्रंथियों ग्रंथियों कथा वाचकों और प्रचारकों के लिए नितनेम की बाणी जुबानी याद होना जरूरी कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 01:00 AM (IST)
उम्मीदवारों को गुरबाणी नहीं आई जुबानी, अब एसजीपीसी ने कर दिया जरूरी
उम्मीदवारों को गुरबाणी नहीं आई जुबानी, अब एसजीपीसी ने कर दिया जरूरी

जासं, अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अपनी धर्म प्रचार कमेटी के अधीन काम करने वाले मुख्य ग्रंथियों, ग्रंथियों, कथा वाचकों और प्रचारकों के लिए नितनेम की बाणी जुबानी याद होना जरूरी कर दिया है। इसको लेकर एसजीपीसी के मुख्य सचिव हरजिदर सिंह धामी ने आदेश जारी कर दिए हैं। हिदायतें दी गई हैं कि सभी ग्रंथी प्रचारक और कथावाचक 20 सितंबर तक नितनेम की बाणियों का पाठ जुबानी याद कर लें। सितंबर में किसी वक्त भी एसजीपीसी की सब कमेटी कर्मचारियों की परीक्षा लेगी। एसजीपीसी के मुख्य सचिव ने यह आदेश श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की ओर से दिए निर्देश के बाद जारी किए हैं।

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उल्लेखनीय है कि करीब एक सप्ताह पहले श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथियों के चुनाव को लेकर इंटरव्यू हुई थी। इसमें जो उम्मीदवार आए थे उनमें से बहुत सारे उम्मीदवारों को गुरबाणी व नितनेम आदि संबंधी जुबानी याद नहीं था। इनमें बहुत सारे उम्मीदवार ऐसे थे जो एसजीपीसी के प्रबंधों के अधीन चलने वाले गुरुद्वारों में महत्वपूर्ण धार्मिक पदों पर तैनात रहे थे। इसको मुख्य रखकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को यह निर्देश जारी करने पड़े। जत्थेदार स्पष्ट करें कि नित नेम में तीन बाणियां है या पांच: प्रो सरचांद

दमदमी टक्साल के प्रवक्ता प्रो सरचांद सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को सिर्फ ग्रंथियों प्रचारकों व कथा वाचकों तक ही यह आदेश लागू नहीं करवाने चाहिए, बल्कि एसजीपीसी के सारे कर्मचारियों, सेवादारों से लेकर प्रबंधकों तक पर नितनेम की बाणियां जुबानी याद होने के आदेश लागू करने चाहिए। वहीं यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए कि नितनेम में तीन बाणियां हैं या पांच। क्यों कि वर्ष 1985 में श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से हुकमनामा पांच सिंह साहिब की ओर से जारी किया गया था कि एसजीपीसी की ओर से प्रकाशित रहत मर्यादा में तीन की जगह पांच बाणियों को नितनेम में शामिल किया जाए। परंतु अभी तक एसजीपीसी ने उस हुकमनामे को लागू ही नहीं किया है।


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