प्रदर्शनकारियों का आरोप, हमें सरायों से जबरदस्ती बाहर निकाला जा रहा
अमृतसर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से नौकरी से निकाले गए 523 कर्मचारियों का आंदोलन लगातार जारी है।
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-नौकरी से निकाले गए 523 कर्मचारियों का एसजीपीसी के खिलाफ आंदोलन जारी
जागरण संवाददाता, अमृतसर
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से नौकरी से निकाले गए 523 कर्मचारियों का आंदोलन लगातार जारी है। बुधवार को दो कर्मचारी संदीप कौर खरड़ और अमरिदर सिंह तलवंडी साबो आगामी 24 घंटे के लिए अनशन पर बैठे। जबकि इनसे पहले अनशन पर बैठे हरप्रीत सिंह बाबा बकाला और गुरप्रीत कौर पटियाला की हालत भी खराब हो गई थी, जिन्हें श्री गुरु रामदास अस्पताल में दाखिल करवाया गया। प्रदर्शनकारियों तरसेम सिंह,अजीत सिंह , मंजीत कौर, हरदीप सिंह और अमरिदर सिंह ने बताया कि एसजीपीसी के कार्यालय के बाहर पिछले एक सप्ताह से धरना चल रहा है। इस धरने में शामिल होने के लिए राज्य भर से निकाले गए कर्मचारी आ रहे हैं। इन कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने एसजीपीसी की सरायों में पैसे जमा करवा कर कमरे बुक करवाए हुए हैं परंतु अब आंदोलन को कमजोर करने के लिए एसजीपीसी के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को सरायों से निकालना शुरू कर दिया है। पैसे जमा कराए जाने के बावजूद जबरदस्ती कमरे खाली करवाए जा रहे हैं। वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सभी कर्मचारी बहाल नहीं हो जाते।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जिन कर्मचारियों की सेहत खराब हो जाती है उनको जबरदस्ती एसजीपीसी के श्री गुरु रामदास अस्पताल में दाखिल करवाया जाता है वहां इलाज के पैसे बीमार आंदोलनकारियों से वसूले जा रहे हैं। इन जमा करवाए पैसों की रसीदें भी प्राप्त की हुई है।
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि जिस तरीके से एसजीपीसी के मुख्य सचिव, अन्य सचिवों, उप-अध्यक्षों, मैनेजरों आदि की नियुक्ति हुई है उसी तरह उनकी भी नियुक्ति हुई है तो फिर उनकी नियुक्ति गलत कैसे हो गई है। अगर उनकी नियुक्तियां गलत हैं तो फिर सभी सचिवों की नियुक्तियां भी गलत हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल उनके आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं, जिससे इस आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा।