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जब भी अमृतसर आते थे नरेंद्र चंचल, श्री दुग्र्याणा तीर्थ में अवश्य नवाते थे शीश

भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का हमेशा यह स्वप्न रहा था कि दुग्र्याणा तीर्थ सोने का बने। वह इसके लिए लोगों से दान करने के लिए अमृतसर आने पर प्रेरित करते थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 07:00 AM (IST)
जब भी अमृतसर आते थे नरेंद्र चंचल, श्री दुग्र्याणा तीर्थ में अवश्य नवाते थे शीश
जब भी अमृतसर आते थे नरेंद्र चंचल, श्री दुग्र्याणा तीर्थ में अवश्य नवाते थे शीश

संवाद सहयोगी, अमृतसर : भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का हमेशा यह स्वप्न रहा था कि दुग्र्याणा तीर्थ सोने का बने। वह इसके लिए लोगों से दान करने के लिए अमृतसर आने पर प्रेरित करते थे। श्री दुग्र्याणा तीर्थ के प्रधान एडवोकेट रमेश शर्मा ने दैनिक जागरण से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र चंचल जब भी अमृतसर आते थे वह दुगर्याणा तीर्थ में नतमस्तक होकर ठाकुर जी का आशीर्वाद जरूर लेते थे। वर्ष 1999 में पवित्र सरोवर की कार सेवा में भी बढ़चढ़ कर भाग लिया तथा लोगों को श्री दुग्र्याणा तीर्थ को सोने का बनाने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद तीर्थ परिसर में ज्योति स्थापना वर्ष 2007 में भी वह विशेष रूप से शामिल हुए थे और मां का गुणगान करके भक्तजनों को निहाल किया था। वर्ष 2008 में महामाई के जागरण में उन्होंने विशेष रुचि दिखाई थी। वर्ष 2019 में श्री दुग्र्याणा तीर्थ की हुई कार सेवा में नरेंद्र चंचल ने भी सेवा की और वह काफी खुश हुए थे। इस अवसर पर उन्होंने अपनी भेंट भी गाई थी। श्री दुग्र्याणा तीर्थ मंदिर को सोने का बनाना है।

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समूह सदस्यों ने नरेंद्र चंचल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि नरेंद्र चंचल के निधन से समाज को काफी नुकसान पहुंचा है। इस अवसर पर महासचिव अरुण् खन्ना, वित्त मंत्री रमेश चंद्र, मैनेजर राज वधवा, शाम कुमार, आरके शर्मा, यशपाल शोरी, संजय मेहरा, राजीव शर्मा, जतिन चोपड़ा आदि मौजूद थे। शिष्य ने शादी में करवाई थी चंचल की मिलनी

शक्ति नगर में रहने वाले महंत रमेशानंद, अशोक कुमार, जगमोहन ने बताया कि नरेंद्र चंचल ने बचपन से ही मां का गुणगाना शुरू कर दिया था तथा अपनी मेहनत से उन्होंने एक अलग ही मुकाम हासिल किया था। चंचल के शिष्य सुरिंदर दर्शी ने कहा कि उनका चंचल के साथ पारिवारिक संबंध बन चुका था तथा उन्होंने उनकी शादी में मिलनी की रस्म भी अदा की थी। अपनी मेहनत से उन्होंने गायकी में अलग पहचान बना ली थी। श्री हनुमान सेवा परिवार के प्रधान अतुल खन्ना ने भी चंचल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।


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