आत्म बल, कर्म पर विश्वास से बनेंगे सफल मैनेजर : संजय गुप्त
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट अमृतसर के चेयरमैन और दैनिक जागरण के सीईओ एवं प्रधान संपादक संजय गुप्त ने कहा कि आत्म बल, कर्म पर विश्वास से ही सफल मैनेजर बना जा सकता है।
जेएनएन, अमृतसर। सफल मैनेजर वही है, जो आत्मिक बल पर विश्वास करके कर्म को पहल दे। कुशल मैनेजर योजनाओं के बारे में गहराई से सोचता है और अपने पूरे आत्मविश्वास के साथ बनाई गई योजनाओं को लागू करता है। यह बातें इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट अमृतसर के चेयरमैन और दैनिक जागरण के सीईओ एवं प्रधान संपादक संजय गुप्त ने सोमवार को आइआइएम के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट के तीसरे बैच के शुभारंभ अवसर पर आयोजित भव्य समारोह को संबोधित करते हुए कहीं।
गुप्त ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें आइआइएम की जो जिम्मेदारी दी है, उसके लिए वे प्रयास करेंगे कि यह संस्थान देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बने। उन्होंने कहा कि यह आप सभी के सहयोग से ही संभव होगा। उन्होंने कहा, ' मैंने मैनेजमेंट के बारे में अपने पिता जी से बहुत कुछ सीखा और उसे अपने संस्थान दैनिक जागरण के कर्मचारियों के मन में भी बिठाया। उसे संस्थान के प्रबंधों में लागू करदैनिक जागरण को देश के शीर्ष संस्थानों में स्थापित किया है।'
आइआइएम अमृतसर के चेयरमैन और दैनिक जागरण के सीईओ एवं प्रधान संपादक संजय गुप्त के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाते आइआइएम स्टाफ सदस्य।
उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए समय की नजाकत को समझते हुए मेहनत के साथ लक्ष्य के लिए डटना होगा। तभी हम प्रतियोगिता के इस युग में जीत कर दुनिया के सामने आ सकते है। यह आपके और आपके संस्थान के विकास में सहायक है। किसी उत्पाद को मार्केट में लाने से पहले एक उपभोक्ता के रूप में पहले अपने सामने रख सभी पहलुओं पर विचार करते हैैं तो फिर हम किसी भी तरह मार्केट में पिछड़ नहीं सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कुशल मैनेजर को हर काम टारगेट निर्धारित कर शुरू करके समय पर संपन्न करना चाहिए। तभी सफलता हासिल की जा सकती है। एक कुशल मैनेजर को अपने भाव प्रकट करने और अपनी बात लोगों को समझाने की कला भी आनी चाहिए। हर वर्ग के साथ अपनी बात को साझा करने का गुण ही एक कुशल मैनेजर को आगे बढ़ाता है।
प्रभावशाली वक्ता बनने के लिए उन्होंने अध्ययन पर जोर देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को वर्ष में 14 से 15 पुस्तकें अवश्य पढऩे का लक्ष्य रखना चाहिए। वहीं संस्थान के विकास के लिए मैनेजर को अपने अधीन कर्मियों का समय - समय पर मनोबल बढ़ाने के अलावा उनके स्वाभिमान का सम्मान करने और विश्व स्तर पर होने वाली नई तबदीलियों के साथ अपडेट करते रहना चाहिए। वहीं वो मैनेजर ही अपनी जॉब के साथ न्याय कर पाता है जो अपने परिवार के साथ सही भूमिका निभाता है।
उन्होंने युवाओं को हमेशा विश्वसनीय स्रोत से ही ज्ञान हासिल करने की प्रेरणा दी और अपनी बातों में विश्वसनीयता बनाए रखने की बात कही। विद्यार्थियों का आहृवान करते हुए उन्होंने हमेशा अपने देश के लिए पॉजिटिव सोच रखने की प्रेरणा दी। वहीं भगवान पर भरोसा रखने की सलाह दी, परंतु साथ में यह भी कहा कि सभी काम भगवान पर न छोड़ें, तभी भगवान आपकी मदद करेगा। अंत में युवाओं को कर्मयोगी बनने का संदेश देते हुए आगे बढऩे का आहृवान किया।
इससे पहले यहां पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया। पीजीपी की चेयरपर्सन प्रो. गीता ने संजय गुप्त के जीवन और औद्योगिक सफर का संक्षिप्त परिचय दिया। प्रो. एके स्वैन ने आइआइएम अमृतसर की उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। संस्थान के मेंटर डायरेक्टर प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी ने बताया कि संस्थान ने गत वर्ष देश भर के आइएमएम में छठे से पांचवें स्थान पर छलांग लगाई है।
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