जीएनडीएच—जीएनडीयू के बीच होगा शोध अनुबंध
कोरोना वायरस ने चिकित्सा व शिक्षा क्षेत्र में शोध की संभावनाएं व आवश्यकताएं खड़ी कर दी हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर : कोरोना वायरस ने चिकित्सा व शिक्षा क्षेत्र में शोध की संभावनाएं व आवश्यकताएं खड़ी कर दी हैं। निश्चित ही इस वायरस के फैलते ही पूरी दुनिया में शोध कार्य शुरू हुए। सर्वप्रथम वायरस को समझा गया और इससे बचने के तरीके ईजाद किए गए। अब टीकाकरण की प्रक्रिया जारी है। भविष्य में कोरोना सहित इस प्रकार के वायरस पर अध्ययन व संक्रमण ग्रस्त मरीजों के उपचार के लिए जमीन तैयार की जा रही है। अमृतसर स्थित सरकारी मेडिकल कालेज गुरुनानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) व गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) के बीच शोध अनुबंध किया जा रहा है।
दरअसल, पंजाब के इस प्रमुख चिकित्सा संस्थान में नाना प्रकार की बीमारियों से ग्रसित मरीजों का उपचार होता है, वहीं यूनिवर्सिटी में मेडिकल साइंस से जुड़े कैंसर, मानविकी विभाग, शारीरिक शिक्षा विभाग, जैव प्रौद्योगिकी, दवा विभाग, मानव आनुवांशिकी, आण्विक जीव विज्ञान और जैव रसायन विभाग हैं। इसी प्रकार गुरुनानक देव अस्पताल में कैंसर मरीजों के उपचार के लिए कोबाल्ट यूनिट, गर्भवती महिलाओं के लिए शिशु एवं मातृ सुरक्षा विभाग, बच्चों के लिए शिशु विभाग, जैव रसायन विभाग, सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग, शरीर रचना विभाग, शरीर विज्ञान विभाग व आक्सीजन उत्पादक प्लांट हैं। इसी वर्ष स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट का निर्माण भी हो जाएगा।
दोनों संस्थानों के मध्य शोध अनुबंध होने के पश्चात इन विभागों में अध्ययनरत विद्यार्थी सभी विभागों में जाकर नवीनतम खोजों का ज्ञान अर्जित करेंगे। वहीं अपने मन में उत्पन्न होने वाले विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे। जाहिर सी बात है कि दो अलग-अलग संस्थाओं के विद्यार्थी जब इधर से उधर जाएंगे तो वायरस व बैक्टीरिया पर रिसर्च तो होगी ही, साथ ही इनसे बचाव व उपचार पर भी शोध होगा। वहीं मानव शरीर से जुड़ी जटिल बीमारियों के उपचार के नए शोध होंगे। इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। हम भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम होंगे।
गुरुनानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. केडी सिंह का कहना है कि शोध अनुबंध के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही सरकार इस पर सहमति प्रदान करेगी। वर्तमान में हर क्षेत्र में शोध की उपयोगिता बढ़ी है। कोरोना जैसे किसी अदृश्य दानव को खत्म करने के लिए यह बेहद जरूरी भी है।