बारिश से डेंगू का पुनर्जन्म, प्रशासन कोरोना से लड़कर दिखा रहा दम
सर्दी बढ़ते ही डेंगू मच्छर खत्म हो जाएगा। यह बात शासन-प्रशासन डेंगू के सीजन में हमेशा दोहराता है। कोरोना काल में डेंगू मच्छर ने भी जमकर तबाही मचाई। अमृतसर में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार डेंगू पाजिटिव मरीजों का आंकड़ा 2
नितिन धीमान, अमृतसर : सर्दी बढ़ते ही डेंगू मच्छर खत्म हो जाएगा। यह बात शासन-प्रशासन डेंगू के सीजन में हमेशा दोहराता है। कोरोना काल में डेंगू मच्छर ने भी जमकर तबाही मचाई। अमृतसर में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार डेंगू पाजिटिव मरीजों का आंकड़ा 285 पार जा चुका है। वैसे यह सरकारी आंकड़ा हैं। स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम द्वारा डेंगू मच्छर को नजरअंदाज करने का प्रतिकूल प्रभाव यह है कि जिले में सैकड़ों लोग संदिग्ध बुखार से तड़प रहे हैं। सरकारी अस्पताल जाते हैं तो डेंगू की बजाय उसका कोरोना टेस्ट कर दिया जाता है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें घर भेज देते हैं। इससे डेंगू का प्रकोप पूरी तरह फैल चुका है।
दरअसल, तापमान गिरते ही डेंगू मच्छर का सफाया हो जाता है, पर इस बार डेंगू जिदा है और पूरी शक्ति से लोगों पर वार भी कर रहा है। मादा एडीज इजिप्टी मच्छर को डेंगू कहा जाता है। यह मच्छर इस सर्दी में भी मरा नहीं, बल्कि मौत बांटने का काम कर रहा है। महानगर में पिछले सप्ताह हुई जबरदस्त बरसात से इस मच्छर को फिर से सांस दे दी है। बारिश और सर्दी के कारण पैदा हुई नमी की वजह से मच्छर पुनर्जीवित हो उठा है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना महामारी के खात्मे में जुटा शासन-प्रशासन इस बार डेंगू की ओर ध्यान ही नहीं दे पाया। शहरों व ग्रामीण इलाकों में मच्छर मार दवा का नियमित छिड़काव नहीं हुआ। डेंगू का लारवा पूरी तरह खत्म नहीं होता। पानी सूखने या खत्म होने पर यह लारवा स्लिपिग मोड में पहुंच जाता है। पानी या नमी मिलने पर उड़ान भर लेता है। जिले में बारिश की वजह से ऐसा ही हुआ है।
आक्रामकता बढ़ने के आसार
इधर, सर्दी व बरसात में डेंगू के साथ-साथ कोरोना की आक्रामकता बढ़ने के आसार हैं। खास बात यह है कि डेंगू व कोरोना के लक्षणों में ज्यादा भिन्नता नहीं। इन दिनों कोरोना चल रहा है तो बुखार, जुकाम खांसी होने पर कोरोना टेस्ट ही करवाया जा रहा है, जबकि ऐसे ही लक्षण डेंगू मच्छर के काटने पर भी उजागर होते हैं। स्वास्थ्य विभाग उन क्षेत्रों में मच्छर मार दवा का छिड़काव कर रहा है जहां डेंगू मरीज रिपोर्ट हुए। शहरी व ग्रामीण आबादी को पूरी तरह कवर करने में नगर निगम प्रशासन नाकाम रहा है।
निजी अस्पताल नहीं दे रहे डेंगू मरीज की सूचना
स्वास्थ्य विभाग के लिए शहर के निजी अस्पताल भी चुनौती खड़ी कर रहे हैं। डेंगू मरीज रिपोर्ट होते ही इसकी जानकारी नियमानुसार स्वास्थ्य विभाग को दी जानी चाहिए, पर निजी अस्पताल ऐसा नहीं कर रहे। इससे डेंगू मरीजों का सटीक आंकड़ा विभाग के पास नहीं पहुंच रहा और इस रोग की भयावहता का आकलन भी नहीं कर पा रहे।