राजा वी चोर है ते वजीर वी चोर है..तू क्यों नईं बोलदा
अमृतसर : राजा वी चोर है ते वजीर वी चोर है। भगवें लिबास में फकीर भी चोर है। परे पंचायतां दी जमीर चोर है। सारा कुज जानदा तू भेद क्यों नईं खोलदा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
राजा वी चोर है ते वजीर वी चोर है। भगवें लिबास में फकीर भी चोर है। परे पंचायतां दी जमीर चोर है। सारा कुज जानदा तू भेद क्यों नईं खोलदा। तू क्यों नईं बोलदा, तू क्यों नईं बोलदा। यह कविता हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट पंजाब के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. लख¨वदर ¨सह गिल द्वारा लिखित काव्य पुस्तक तू क्यों नईं बोलदा पुस्तक में दर्ज हैं। पंजाब नाटशाला में काव्य पुस्तक तू क्यों नईं बोलदा विमोचन हुआ। विमोचन समारोह में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) के पूर्व वाइस चांसलर डा. एसपी ¨सह मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचे। पुस्तक के लेखक डॉ. लख¨वदर ¨सह गिल गुरदासपुर जिले के गांव गिलांवाली में पैदा हुए थे। उन्होंने गवर्नमेंट हाई स्कूल ध्यानपुर से मैट्रिक पास करने के बाद डीएवी कॉलेज बटाला से बीए तक शिक्षा हासिल की थी। जबकि गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) अमृतसर से उन्होंने एमए अंग्रेजी और पीएचडी की डिग्री हासिल की है। इस मौके पर दीप द¨वदर ¨सह, डा. जो¨गदर कैरों, डा. रंजीत ¨सह रंधावा, हरभजन ¨सह सेखों, डा. अवतार ¨सह, डा. तरसेम ¨सह, निर्मल अर्पण आदि मौजूद थे।