आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत व्यापारियों को मिले राहत : सेठ
कोरोना काल में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अपने घुटनों को बल आ गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना काल में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अपने घुटनों को बल आ गई है। ऐसे में इंडस्ट्री भी किसी संजीवनी की आस में है। इसी के मद्देनजर पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने सरकार से व्यापारियों के लिए राहत देनें का निवेदन किया है।
मंडल के प्रधान प्यारे लाल सेठ न महासचिव समीर जैन ने कहा कि वह भारत के सुप्रीम कोर्ट की कथनी का स्वागत करते हैं। मगर सरकार को चाहिए कि व्यापारियों के लिए राहत देने की तरफ ध्यान दे। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन में मोरटेरियम (कर्ज की किश्तें स्थगित करने) के दौरान लिए जाने वाले ब्याज के मुद्दे पर सरकार की निषक्रियता पर सुप्रीम कोर्ट ने सही कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत की है कि सरकार व्यापारियों का सहयोग करे व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सरकार को मिली शक्ति का प्रयोग व्यापार हित किया जाए, जबकि सरकार व्यापारियों के हितों को दरकिनार कर बैंकों का साथ दे रही है। वहीं लॉकडाउन कर सरकार की ओर से बाजार बंद करने के आदेश दे दिए जाते हैं। सरकार को चाहिए की व्यापारियों को लॉकडाउन की अवधि का भी मुआवजा उनकी टर्नओवर के हिसाब से दे ताकि व्यापारी अपने निश्चित व्यय को सुचारू रूप से चला सकें। क्योंकि सरकार की ओर से लिए गए कई फैसले तर्कसंगत के आधार पर भी खरे नहीं उतरते। पंजाब में तत्कालीन आपात स्थिती के नियमों के तहत पचास फीसद बाजार खुले रखने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन दुकानें बंद करने पर मुआवजा देने पर सरकार खामोश है। सरकार को समझना चाहिए कि इस तरह से कोविड-19 के प्रवाह को रोका नहीं जा सकता। उल्टा व्यापार को नुकसान हो रहा है।