एसडीएम दफ्तर के डीएल बनाने वाले कमरे में निजी कर्मियों का कब्जा
एसडीएम टू के दफ्तर में ड्राइविग लाइसेंस बनाने वाले कमरे में प्राइवेट कर्मी कर रहे काम।
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
एसडीएम टू के दफ्तर में ड्राइविग लाइसेंस बनाने वाले कमरे में प्राइवेट मुलाजिम धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। ये लोग न तो किसी सरकारी रिकार्ड में हैं और न ही किसी प्राइवेट कंपनी में। ये अधिकारियों की शह पर यहां काम कर रहे हैं। इन पर राजनेताओं का भी हाथ है, यहीं कारण है कि अधिकारी इन पर कोई कार्रवाई तक नहीं कर रहे हैं। हालांकि जिन अधिकारियों के अधीन आते दफ्तर में ये लोग काम कर रहे हैं, वे इससे भलीभांति वाकिफ भी हैं, फिलहाल सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट मुलाजिमों का काम करने का कोई नया मामला नहीं है। इस दफ्तर के अलावा सब तहसील वन, तहसील टू, तहसील थ्री के अलावा एसडीएम दफ्तरों में भी प्राइवेट लोग काम करते हुए सरेआम देखे जा सकते हैं। इन लोगों के पास सरकारी रिकार्ड तक भी रहता है, लेकिन आज तक प्रशासन की तरफ से इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि प्रशासन इस तरह के लोगों पर कार्रवाई करने के दावे भी बहुत करता है। बता दे कि ड्राइविग लाइसेंस बनाने का काम जहां आरटीए दफ्तर करता है, वहीं पंजाब सरकार ने जिला प्रशासन के एसडीएम को भी यह पावरे दे रखी है। आरटीए दफ्तरों में लगने वाली भीड़ व काम के लोड को कम करने के लिए ऐसा किया गया था। काम का लोड और भीड़ तो कम हुई, लेकिन इन दफ्तरों में प्राइवेट मुलाजिमों की एंट्री शुरु हो गई, जो दफ्तर में बैठकर लोगों का काम करते हुए भी साफ देखे जा सकते है। लोगों के काम करने के लिए उनसे मोटी रकम भी वसूल करते है। सरकार की तरफ से आरटीए और एसडीएम दफ्तर में स्मार्ट चिप कंपनी की तरफ से अपने मुलाजिम लगाए गए है, ड्राइविग लाइसेंस का काम करते है। एसडीएम टू दफ्तर में स्मार्ट चिप कंपनी के मुलाजिम राघव को नियुक्त किया गाय है, जबकि एसडीएम टू दफ्तर की तरफ से इस दफ्तर में मनदीप सिंह को तैनात किया गया है। इन दोनों मुलाजिमों के अलावा भी प्राइवेट मुलाजिम काम करते हैं। सरकारी रिकार्ड भी उनके पास रहता है और जो ड्राइविग लाइसेंस आते हैं, वहां तक भी इनके पास रहते हैं। पहले भी ध्यान में लाया जा चुका है मामला
दैनिक जागरण की टीम इससे पहले 12 व 13 जुलाई को तहसीलों का दौरा कर चुकी है। तहसीलों में साफ तौर पर प्राईवेट मुलाजिम काम करते हुए नजर आए थे। उस दौरान अधिकारियों ने दावा किया था कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, लेकिन अधिकारियों के दावे सिर्फ दावे ही रहे। आज भी यह लोग धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि जब दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार को दौरा किया तो प्राइवेट मुलाजिम काम करते हुए नजर आए। मेरे पास नहीं आई कोई शिकायत : एसडीएम
एसडीएम टू राजेश शर्मा का कहना है कि उनके पास कभी भी ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर किसी को कोई शिकायत है तो उनके ध्यान में जरूर लाए, क्योंकि उन्होंने साफ हिदायत दे रखी है कि अगर कोई भी प्राईवेट मुलाजिम दफ्तर में नजर आता है तो उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। बनती कार्रवाई उसके खिलाफ की जाएगी।
कोई भी बख्शा नहीं जाएगा : डीसी
डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दे रखे है कि इस तरह का मामला ध्यान में आते ही सख्त कार्रवाई की जाए। जो भी इस तरह के लोग नजर आते है, उन्हें पुलिस के हवाले किया जाए और बनती कार्रवाई की जाए। वह जल्द ही दफ्तरों में चेकिग करेंगे।