गायनी डॉक्टर का इंतजार करती रहीं गर्भवती महिलाएं
सिविल अस्पताल स्थित गायनी ओपीडी में गर्भवती महिलाओं को भारी मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : सिविल अस्पताल स्थित गायनी ओपीडी में गर्भवती महिलाओं को भारी मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। गायनी ओपीडी में सुबह सात बजे से ही गर्भवती महिलाओं की लाइन लगनी शुरू हो जाती है, लेकिन डॉक्टरों की कमी के चलते उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है।
मंगलवार को भी यहां पहुंची गर्भवती महिलाओं को ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह से ही लाइन में खड़ी महिलाओं को डॉक्टर से मिलना नसीब नहीं हुआ। ऐसे में महिलाओं के साथ आए उनके पारिवारिक सदस्य अस्पताल प्रशासन के प्रति रोष से भर गए। अस्पताल में पांच गायनी डॉक्टर की जरूरत हैं जबकि इस समय तीन ही कार्यरत हैं। जब मरीज पहुंचे तो केवल एक ही डॉक्टर ओपीडी में थीं। जब मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी तो अन्य दो डॉक्टर भी ओपीडी में पहुंच गई।
गायनी ओपीडी में पहुंची एक महिला के पति राज कुमार ने बताया कि वह सुबह साढ़े आठ बजे ओपीडी के बाहर खड़े हो गए थे। उस समय एक ही डॉक्टर ओपीडी में बैठी थी। देखते ही देखते गर्भवती महिलाओं की लाइन लंबी होती चली गई। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं ज्यादा देर तक लाइन में खड़ी नहीं रह सकतीं, लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही। उन्होंने जब शोर मचाया तो अन्य दोनों डॉक्टर भी ओपीडी में पहुंचे और जांच शुरू की। इस दौरान कई महिलाएं बिना जांच करवाए ही लौट चुकी थीं।
दूसरी तरफ बिक्रम ¨सह ने बताया कि वह अपनी पत्नी को लेकर 11 बजे गायनी ओपीडी में पहुंचे। यहां ओपीडी स्लिप नहीं दी गई। स्टाफ ने कहा कि 11 बजे ओपीडी स्लिप बंद कर दी जाती है। सरकार बताए कि यह कौन सा नियम है कि गर्भवती महिलाओं की जांच 11 बजे के बाद नहीं हो सकती। वहीं कुछ परिजनों ने अस्पताल में तैनात महिला सुरक्षा कर्मचारियों पर दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि सुरक्षा कर्मचारी ओपीडी का मुख्य द्वार बंद कर देती हैं। गर्भवती महिला अंदर आना चाहे तो उसे आने नहीं देतीं। हमारे पास तीन गायनी डॉक्टर हैं। आज गायनी ओपीडी में जो समस्या आई है उसके विषय में अभी जानकारी नहीं मिली। मैं कल सुबह स्टाफ से चर्चा करूंगा। जहां कहीं कोई कमी रह गई है उसे दुरुस्त करवाया जाएगा।
डॉ. रा¨जदर अरोड़ा, एसएमओ सिविल अस्पताल अमृतसर।