डिजिटल पेमेंट का हवाला देकर पावरकॉम बंद कर रहा सेवक मशीनें
पावरकॉम मैनेजमेंट ने कैश काउंटरों के बाद सेवक मशीनों की संख्या भी घटानी शुरू कर दी है जिसके पीछे सेवक मशीनों पर बिलिग कम होने का तर्क दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: पावरकॉम मैनेजमेंट ने कैश काउंटरों के बाद सेवक मशीनों की संख्या भी घटानी शुरू कर दी है, जिसके पीछे सेवक मशीनों पर बिलिग कम होने का तर्क दिया जा रहा है। सुबह नौ बजे से बाद दोपहर तीन बजे तक कैश काउंटर पर बिजली के बिल भरे जा सकते हैं, जबकि सेवक मशीनों पर सुबह आठ से शाम आठ बजे तक। शहर में लगभग चार सेवक मशीनों को बंद कर दिया गया है, जबकि बेरी गेट और कचहरी चौक स्थित सेवक मशीन छह महीने पहले बंद हुई थी। अब टुंडा तालाब और घी मंडी की सेवक मशीन को बंद कर दिया गया है। खंडवाला बिजली घर की सेवक मशीन कुल 15 लाख रुपये का गबन होने के बाद आज तक बंद पड़ी है।
कैश काउंटरों की तर्ज पर घटाई जा रही सेवक मशीनों की संख्या से विभागीय उपभोक्ताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि जिले में 50 फीसद भी उपभोक्ता डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल नहीं करते हैं। एक दर्जन के करीब शहर में सेवक मशीनों में से वर्तमान समय में दो हाल गेट बिजलीघर, एक माल मंडी बिजली घर, एक रंजीत एवेन्यू बिजली घर, मुस्तफाबाद बिजली घर, मजीठा रोड बिजली घर और सुल्तानविड बिजली घर में सेवक मशीन चल रही है।
बंद हुई सेवक मशीनों का लेंगे जायजा
बार्डर जोन के चीफ इंजीनियर प्रदीप कुमार सैनी का कहना है कि लोगों को चाहिए कि समय और धन बचाने के लिए ऑनलाइन पेमेंट को अपनाएं हालांकि मुख्यालय को सूचित किया जाएगा कि सेवक मशीनें बंद न की जाएं। बंद हुई सेवक मशीनों पर निर्धारित सीमा से कम बिलिग हुई है, जिसकी वजह से सेवक मशीनों को बंद किया गया है।