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पावरलाक : बार्डर जोन की इंडस्ट्री को 500 से 600 करोड़ का घाटा, पढ़ें उद्यमियों ने क्या कहा..

प्रदेश में बिजली संकट गहराया हुआ है। इसी कारण अब बड़ी इंडस्ट्री पर 72 घंटे का पावर कट बढ़ाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 12:00 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 12:00 PM (IST)
पावरलाक : बार्डर जोन की इंडस्ट्री को 500 से 600 करोड़ का घाटा, पढ़ें उद्यमियों ने क्या कहा..
पावरलाक : बार्डर जोन की इंडस्ट्री को 500 से 600 करोड़ का घाटा, पढ़ें उद्यमियों ने क्या कहा..

हरीश शर्मा, अमृतसर : प्रदेश में बिजली संकट गहराया हुआ है। इसी कारण अब बड़ी इंडस्ट्री पर 72 घंटे का पावर कट बढ़ाया गया है। इससे उद्योगपति काफी परेशान हैं। नए फरमान के मुताबिक बुधवार सुबह आठ से 11 जुलाई दिन शनिवार सुबह आठ बजे तक पावर सप्लाई नहीं मिलेगी। इससे पहले भी चार से सात जुलाई सुबह आठ बजे तक पावरकट लगाया गया था। इससे मात्र 24 घंटे काम हुआ तो पावरकाम ने बार्डर जोन के लार्ज स्केल इंडस्ट्री के लिए फिर से नया फरमान जारी कर दिया। एक बार फिर बार्डर जोन, जिसमें अमृतसर सहित गुरदासपुर, पठानकोट, तरनतारन आदि जिले आते है, इन सभी में लार्ज स्केल इंडस्ट्री की पावर बंद होने से रोजाना 500 से 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का उत्पादन रुक गया है। बुधवार को जिले की सभी अलग-अलग उद्योग जगत की एसोसिएशन की ओर से मीटिग कर सरकार के इस फरमान का विरोध भी किया गया। 1000 के करीब यूनिट बंद होने पर 20 हजार कर्मचारी बेरोजगार

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बार्डर जोन में करीब एक हजार लार्ज स्केल यूनिट है। इनमें टेक्सटाइल, डाइंग, शेलर, स्क्रू, प्लास्टिक, लोहे, इलेक्ट्रिक, नट-बोल्ट, पेंट, पंखे, फाउंडरी आदि के 1000 से ज्यादा यूनिट हैं। इनमें 20 हजार के करीब कर्मचारी काम कर रहे हैं जोकि अब तीन दिनों तक पूरी तरह बेरोजगार हो जाएंगे जबकि सरकार बिजली की कमी पूरी करने की बजाए, उद्योग को खत्म करने की तरफ लगी हुई है। पहले ही कोरोना से नहीं उभर पाए: अग्रवाल

पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के उप-प्रधान रंजन अग्रवाल ने कहा कि अगर वे लोग जनरेटर चलाकर यूनिट चलाएं तो इससे उत्पादन की कीमत तीन से चार गुणा बढ़ जाती है। उससे भी केवल 50 प्रतिशत उत्पादन ही हो पाता है। एक तो पहले ही कोरोना के कारण उद्योग की कमर टूट चुकी है, दूसरा सरकार अब पावरलाक लगाकर उद्योग को खत्म करने की कोशिश हो रही है। सरकार की ओर से किसी भी तरह कि रियायत तो नहीं दी जा रही है। जीएसटी और अन्य तरह के टैक्स वसूले जा रहे है। बावजूद इसके उद्योगपतियों को परेशान किया जा रहा है। सरकार सीधा कह दे, हम काम बंद कर देते हैं: खोसला

फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री वेलफेयर के प्रधान संदीप खोसला ने कहा कि बहुत सारे यूनिट ऐसे हैं जिन्हें बंद नहीं रखा जा सकता है। इसमें से एक डाइंग यूनिट है, क्योंकि कपड़े पर रंग, केमिकल आदि लगाए होते है। अगर तय समय पर उसे तैयार न किया जाए तो कपड़ा खराब हो जाता है। उन्होंने कहा कि पर सरकार उद्योगपतियों पर डंडा चला रही है। वह सीधा कह दे, ताकि हम लोग अपने यूनिट बंद ही कर दें। लार्ज स्केल बंद होने से छोटी इंडस्ट्री अपने आप बंद हो जाएगी: गुलाटी

फोकल प्वाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान वरिदर सिंह गुलाटी ने कहा कि लार्ज स्केल इंडस्ट्री बंद होने पर छोटे उद्योग अपने-आप बंद हो रहे है। क्योंकि रा मटीरियल बडे़ उद्योगों से आता है। ऐसे में अगर उनको रा मटीरियल नहीं मिलेगा तो वह लोग अपनी फैक्टरियां कैसे चला सकते है। इसके साथ ही लेबर भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। क्योंकि लेबर पैसे मांगती है। लेकिन वह लोग देने में असमर्थ है। सरकार केवल उद्योग को बर्बाद करने में लगी हुई है।


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