कोरोना को हराने के बाद भी बीमारियों से जूझ रहे लोग : डा. हरजोत
। कोरोना को हराकर जिदगी जीत चुके लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
कोरोना को हराकर जिदगी जीत चुके लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं परेशान कर सकती हैं। कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ, हृदय संबंधी समस्याएं, साइकोजोजिकल डिसआर्डर, ईटिग डिसआर्डर, न्यूरोलोजिकल समस्या व नींद न आना जैसी परेशानियां आ रही हैं। यह जानकारी मनोचिकित्सक डा. हरजोत सिंह मक्कड़ ने दी। उन्होंने बताया कि उनके पास ऐसे सात मरीज आए हैं जो साइकोलोजिकल डिसआर्डर व अन्य बीमारियों का शिकार हैं।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में डा. मक्कड़ ने बताया कि जो लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर घर वापस आ गए हैं, वे लंबे समय तक कमजोरी भी महसूस करते हैं। उनके शरीर में यह थकान करीब तीन से चार सप्ताह तक रह सकती है। चिकित्सा जगत में इसे पोस्ट वायरल साइड इफेक्ट कहा जाता है। इस इफेक्ट को वायरल क्रोनिक फटीग सिड्रोम भी कहा जाता है। यह सिड्रोम डेंगू, स्वाइन फ्लू और इन्फ्लूएंजा के मरीजों में देखा जाता है, लेकिन इससे ठीक होने में एक से दो सप्ताह का समय लगता है।
वहीं कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों को इस सिड्रोम के ठीक होने में एक महीना लग जाता है। क्रोनिक फटीग सिड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मानसिक तनाव या थकान की स्थिति में कई बार मरीज याददाश्त भी खो बैठते हैं। डा. मक्कड़ ने कहा कि ऐसे मरीजों का उपचार संभव है। उक्त लक्षण आने पर तत्काल डाक्टर से सलाह लें। इसके अलावा अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त पदार्थो का सेवन करें। अपनी सोच सकारात्मक रखें और मेडिटेशन करें।