दो पल की खुशी मनाने आए थे लोग, उम्र भर का दुख मिला : मजीठिया
अमृतसर : जोड़ा फाटक के पास मनाए जाने वाले दशहरा में लोग दो पल की खुशी मनाने आए थे, मगर यहां से अपने परिजनों के शवों के साथ उम्र भर का दुख लेकर गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
जोड़ा फाटक के पास मनाए जाने वाले दशहरा में लोग दो पल की खुशी मनाने आए थे, मगर यहां से अपने परिजनों के शवों के साथ उम्र भर का दुख लेकर गए। इलाका के वजीर नवजोत ¨सह सिद्धू को इसकी जिम्मेवारी लेनी चाहिए और कैप्टन को तत्काल प्रभाव से सिद्धू की बर्खास्त करना चाहिए। पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री विक्रम ¨सह मजीठिया ने शुक्रवार की रात यह बात हादसे में मृतकों के परिजनों के साथ दुख व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि नवजोत कौर सिद्धू को हादसे से भागना नहीं चाहिए था बल्कि पीड़ितों की मदद में लोगों का साथ देना चाहिए था। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने इलाका के पार्षद मिट्ठू मदान का अपने घर को ताले लगा कर भाग जाने को जिम्मेवारी के प्रति लापरवाह बताया। उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के बाद इस हादसे के लिए जिम्मेवार लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग कैप्टन सरकार से की।
उन्होंने कहा कि वे यहां राजनीति नहीं करने आए बल्कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त करने आए हैं। लोगों ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मजीठिया को बताया कि हादसा नवजोत कौर सिद्धू के सामने हुआ और वह हादसे का शिकार लोगों की मदद की बजाए चुपके से निकल गई। इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मजीठिया ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू इस क्षेत्र के विधायक हैं और सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को इलाका में लोगों के साथ होना चाहिए था।
मेले का आयोजन ही गत है
मजीठा रोड के हरदेव ¨सह और जसबीर ¨सह ने बताया कि पोस्टर में यह पूरी तरह से रिहायशी इलाका है और यहां दशहरा जलाना की गलत है। दूसरे पोस्टर में दशहरा पर्व में पहुंचने का समय 4 बजे लिखा था और नवजोत कौर सिद्धू सायं 6.45 बजे ग्राउंड में पहुंची। मेडम सिद्धू ने सायं 7.10 बजे फीता काटा और दशहरा को आग लगाई। अगर यह पर्व समय पर भी मना लिया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता।