घर पर बैठने को तैयार नहीं है लोग, बढ़ रही है कोरोना महामारी
पंजाब सरकार की तरफ से शहर में मिनी लाकडाउन लगाया जा चुका है लेकिन हालात यह है कि शहर की सड़कों पर आम की तरह ही ट्रैफिक चल रहा है और लोग बेखौफ होकर बाजारों में घूम रहे है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: कोरोना महामारी लगातार बढ़ती जा रही है और लोग अपने घरों में बैठने को तैयार तक नहीं है। पंजाब सरकार की तरफ से शहर में मिनी लाकडाउन लगाया जा चुका है, लेकिन हालात यह है कि शहर की सड़कों पर आम की तरह ही ट्रैफिक चल रहा है और लोग बेखौफ होकर बाजारों में घूम रहे है। वहीं प्रशासन भी सरकार के आदेशों का सख्ती से पालन करवाने में नाकाम साबित हो रहा है। लोग शारीरिक दूरी का पालन तक नहीं कर रहे है। वहीं शहर में कुछ दुकाने खुली हुई है और कुछ बंद है। जिन दुकानदारों की दुकाने खोलने की इजाजत नहीं है, वह अब सड़को पर उतर कर सरकार का विरोध कर रहे है। वीरवार को आईडीएच मार्केट के दुकानदार सड़को पर उतर आए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दुकानदारों ने मांग की है कि दुकाने खोलने की इजाजत दी जाए, ताकि वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। बता दें कि पंजाब सरकार की तरफ से हाल ही में मिनी लाकडाउन लगाया गया है, ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके, लेकिन कोरोना के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है। यह कम होने की बजाय बढ़ रहे है। इसमें लोगों का सहयोग न मिल पाने के कारण ही ऐसा हो रहा है। अगर लोग घरो में बैठे तो काफी हद तक इस पर लगाम लगेगी। आइडीएच मार्केट के चेयरमैन जैन ने लिखा पत्र
आईडीएच मार्केट के चेयरमैन सुरिदर जैन ने इस संबंधी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह और डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा को पत्र भी लिखा है और मांग की है कि व्यापारियों को सुबह सात बजे से एक बजे तक कारोबार करने दिया जाए, ताकि वो अपना घर का खर्च, बिजली बिल, बच्चों की फीस दे सके। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने मिनी लाकडाउन लगाया हुआ है। मगर शहर में 60 प्रतिशत दुकानें खुली रहती है और शेष दुकानें बंद रहने से उनका कारोबार करने वाले व्यापारियों का व्यापार पटरी से उतर गया है। इसमें कपड़ा उद्योग, मुनियारी, पंखा, रेडीमेड गारमेंट व अन्य व्यापार करने वाले व्यापारी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर उनकी कोई सुनवाई नहीं की तो वह अपने संघर्ष को और तेज करेंगे। रोष प्रदर्शन में शामिर बाबा सिंह, कुलदीप सिंह, रंजीत सिंह, बिट्टू आदि ने कहा कि अगर उनकी मांग की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया तो वह अपने संघर्ष को जारी रखेंगे।