पुलिस की ढीली कार्रवाई से आक्रोश, पवनदीप का शव सड़क पर रख लगाया जाम
। प्रेमी जोड़े के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी न होने पर पीड़ित परिवार और गांव के लोगों ने पुलिस की ढीली कार्रवाई के चलते वीरवार को मजीठा रोड पर यातायात जाम कर दिया।
जागरण संवाददाता, मजीठा/ अमृतसर
प्रेमी जोड़े के हत्यारोपितों की गिरफ्तारी न होने पर पीड़ित परिवार और गांव के लोगों ने पुलिस की ढीली कार्रवाई के चलते वीरवार को मजीठा रोड पर यातायात जाम कर दिया। परिवार ने पवनदीप का शव सड़क पर रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उधर, दूसरी तरफ अनु के परिवार के सदस्यों के फरार होने के कारण अनु के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। सड़क जाम देख पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवार को जल्द आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर धरना उठवाया। इसके बाद परिवार ने पवनदीप के शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
राजपाल ने बताया कि पवन और अनु की हत्या को 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन पुलिस सात आरोपितों में से एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर पुलिस चाहती तो उनके बेटे की हत्या करने वालों को बुधवार की रात ही गिरफ्तार कर सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
हत्याकांड के बाद बुधवार रात से ही पुलिस ने दोनों घरों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था। वीरवार की सुबह होते ही अनु की मां को पुलिस ने सुरक्षा के नजरिए से हिरासत में ले लिया। परिवार के सदस्यों ने जब वीरवार की सुबह 12 बजे बलकार सिंह और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बारे में पूछना चाहा तो पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया। उसी समय पीड़ित परिवार ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर दी। सड़क पर जाम लगा दिया गया। दो बजे के बाद जब पुलिस ने पवनदीप का पोस्टमार्टम करवाकर शव वारिसों के सुपुर्द किया तो परिवार शव को लेकर सड़क पर पहुंच गए। शव सड़क पर रखकर धरना लगा दिया गया। यातायात जाम होते देख पुलिस अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और परिवार को आश्वासन देकर किसी तरह धरना उठाया गया। एक साथ नहीं हो सका दो प्रेमियों का संस्कार मजीठा के शमशानघाट में यही चर्चा थी कि पवन और अनु को परिवार ने जीते जी तो इकट्ठे नहीं जीने दिया। लेकिन कुदरत ने उन्हें एक साथ जलने भी नहीं दिया। लोगों ने बताया कि अगर बलकार इतना निर्दयी नहीं होता तो आज दोनों बच्चे अपने घरों में हंस खेल रहे होते। शमशान में बहन अलका और आरती पवन के वियोग में बार-बार बेहोश हो रही थीं। राहुल दोनों को संभालने में जुटा था। यह है मामला मजीठा में रहने वाले अनु और पवनदीप में प्रेम प्रसंग चल रहा था। लेकिन अनु के पिता बलकार सिंह और चाचा हरपाल सिंह को यह रिश्ता पसंद नहीं था। कई बार पवनदीप के परिवार के साथ उनका विवाद हो चुका था। अब पवन की बहन अलका की 29 जून को शादी होने वाली थी और बड़े भाई की शादी 12 जुलाई को तय की गई थी। बताया जा रहा है कि सोमवार की रात लेडीज संगीत के दौरान अनु किसी तरह छुपकर पवनदीप के घर पहुंच गई थी। अनु की मां को जब पता चला तो वह बेटी को लेने उनके घर पहुंच गई। लेकिन पवन की बहनों ने डर के मारे यह कह दिया कि अनु उनके घर नहीं है। इसी बात को लेकर अनु के पिता बलकार सिंह का पवनदीप के परिवार से गुस्सा बढ़ गया था। बुधवार की दोपहर आरोपित बलकार सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले पवनदीप की तेजधार हथियारों से हत्या कर दी और बाद में अपनी बेटी को घर से निकालकर सड़क पर ले जाकर हत्या कर दी। अनु का रिश्तेदारों ने किया संस्कार
मृतक अनु के परिवार के सदस्य बुधवार की दोपहर घटना के बाद से फरार हैं। वीरवार की दोपहर तक पुलिस ने अनु के शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया था। बाद दोपहर अनु के कुछ रिश्तेदारों ने पुलिस के पास पहुंच कर शव का पोस्टमार्टम करवाने का आग्रह किया। पुलिस ने अनु के शव का पोस्टमार्टम करवा उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया। शाम को अनु का संस्कार कर दिया गया।