सामने आई पाक रेलवे की बेशर्मी, भारतीय रेल कोच में सफर कर रहे हैं पाकिस्तानी यात्री
पाकिस्तानी रेलवे की बेशर्मी सामने आई है। पाकिस्तान-भारत के बीच ट्रेन सेवा रुकने के बाद भारतीय कोचों वाली समझौता एक्सप्रेस व एक मालगाड़ी फंस गई। इसका अभी पाक इस्तेमाल कर रहा है।
अमृतसर, जेएनएन। अब पाकिस्तानी रेलवे की बेशर्मी सामने आई है। वह करीब छह माह से भारतीय रेल कोचों का इस्तेमाल से रहा है और इसमें पाकिस्तानी रेल यात्री सफर कर रहे हैं। ये कोच भारत और पाक के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस के हैं। यह ट्रेन पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। इसी तरह भारतीय मालगाड़ी के कोच भी वहां फंसे हुए हैं और पाकिस्तान रेलवे इसका भी इस्तेमाल कर रहा है।
8 अगस्त 2019 को समझौता एक्सप्रेस रद होने के बाद 11 कोच रह गए पाकिस्तान में
समझौता एक्सप्रेस ट्रेन 7 अगस्त 2019 को यात्रियों को लेकर पाकिस्तान गई थी। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने जाने के का बाद 8 अगस्त 2019 को समझौता एक्सप्रेस को पाकिस्तान ने रद कर दिया। इस कारण इस ट्रेन के 11 कोच पाकिस्तान में ही फंसे हुए हैं। मालगाड़ी की भी 10 बोगियां पाकिस्तान ने वापस नहीं भेजी हैं। करोड़ों रुपये से तैयार हुए इन कोचों को अब पाकिस्तान रेलवे इस्तेमाल कर रहा है। दूसरी ओर, भारतीय रेलवे की ओर से इन कोचों को वापस लाने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
मालगाड़ी की 10 बोगियां भी प्रयोग कर रहा पाक, भारतीय रेलवे भी कोच वापस लाने में नहीं दिखा रहा गंभीरता
अटारी स्टेशन के सुपरिंटेंडेंट अरविंद गुप्ता ने बताया कि ट्रेन रद होने के बाद से ही कोच पाकिस्तान में पड़े हुए हैं और वहीं पर प्रयोग हो रहे हैं। उन्होंने विभाग को लिखकर भेजा है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। समझौता एक्सप्रेस 22 जुलाई 1976 को भारत-पाक के बीच शुरू हुई थी।
छह महीने तक पाकिस्तान की ओर से अपनी ट्रेन भेजी जाती थी, जबकि बाकी के छह महीने भारत अपनी ट्रेन भेजता था। जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 हटाने के बाद संबंध बिगड़े तो भारतीय ट्रेन के कोच पाकिस्तान गए थे। इसी दौरान ट्रेन रद हो गई और कोच वहीं पर रह गए। हालांकि ट्रेन का इंजन भी उसी तरफ रह गया था, जिसे रेलवे अधिकारियों ने अपना ड्राइवर भेज कर वापस मंगवा लिया था।
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फिरोजपुर डिवीजन और रेल मंत्रालय को भी लिखकर भेजा जा चुका
पाकिस्तान से अपने भारतीय कोच वापस लाने के लिए अटारी रेलवे स्टेशन के अधिकारियों की ओर से फिरोजपुर डिवीजन को सूचित किया जा चुका है। डिवीजन स्तर पर रेलवे विभाग और मंत्रालय को भी इस संबंधी पत्र लिखा गया है, मगर अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए।