Move to Jagran APP

दोगुने रेट पर किसानों ने शुरू करवाई धान की रोपाई

। पंजाब सरकार के आदेशों पर अमल करते हुए किसानों ने बुधवार से धान की रोपाई शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jun 2020 12:06 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 12:06 AM (IST)
दोगुने रेट पर किसानों ने शुरू करवाई धान की रोपाई
दोगुने रेट पर किसानों ने शुरू करवाई धान की रोपाई

पंकज शर्मा , अमृतसर

loksabha election banner

पंजाब सरकार के आदेशों पर अमल करते हुए किसानों ने बुधवार से धान की रोपाई शुरू कर दी है। बाहरी राज्यों के श्रमिकों के लौट जाने से किसानों को धान की रोपाई में मुश्किलें सहन करनी पड़ रही हैं।

किसानों को चिता है कि अगर मजदूर न मिले तो कहीं इस सीजन में उनकी रोपाई व धान की फसल ही पिछड़ न जाए। इसी कारण किसान इस बार दोगुने रेट पर मजदूरों से धान की रोपाई करवाने को तैयार है। वहीं अपने परंपरागत काम करने वाले लोग भी उन कामों को छोड़ कर धान रोपने के काम मे लग गए हैं। मजदूरों से कमी से रोपाई पिछड़ी

गांव लोहारका के किसानों अमरीक सिंह और एश प्रीत सिंह ने बताया कि इस बार मजदूरों की कमी के कारण धान की रोपाई पिछड़ती नजर आ रही है। पिछले वर्ष एक एकड़ में रोपाई के लिए किसानों की ओर से 2400 व 2500 रुपये कीमत दी जा रही थी। इस बार स्थानीय लेबर चार हजार से पांच हजार रुपये प्रति एकड़ धान की रोपाई के लिए ले रही है। इसके चलते लागत मूल्य बढ़ गया है। सरकार की ओर से 10 जून को ही किसानों को आठ घंटे बिजली सप्लाई शुरू की गई है। जिस के चलते किसानों की ओर से आज से ही धान की रोपाई शुरू की जा रही है। परंतु मजदूरों की उपलब्धता मुश्किल बनी हुई है।

लगता है सारी भूमि में रोपाई नहीं हो पाएगी: दलजीत सिंह

गांव बल सचिदर के किसान दलजीत सिंह ने बताया कि उनको मजदूर तलाशने में काफी मुश्किल आई। गांव में कुछ टैक्सी चालक हैं जिनका काम आज कल बंद पड़ा है। उन्होंने ग्रुप बनाया है। उनके साथ संपर्क किया तो वह 4500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से धान लगाने के लिए मान गए। उनसे धान की रोपाई आज से शुरू करवाई है। यहां पहले पांच मजदूर एक एकड़ के लिए लगाए जाते थे, उनकी जगह पर अब आठ लोग लगाने पड़ रहे हैं। फिर भी लगता है कि उनकी सारी 30 एकड़ भूमि पर धान की रोपाई नहीं हो पाएगी।

टैक्सी का काम बंद है, सोचा धान की रोपाई से कमा लें

धान रोपाई के लिए मजदूरी करने वाले गुरदीप सिंह गोपी और जसकरण सिंह ने बताया कि एक तो मजदूर अपने राज्यों को लौट गए है। हम टैक्सी चलाते है। आजकल टैक्सी का कारोबार बंद है। कोई भी टूरिस्ट नहीं आ रहा है। अपनी गाड़ियों की किश्तें भी भरनी हैं और घर का गुजारा भी चलाना है। कोई काम न मिलता देख अब हमने धान की रोपाई का काम शुरू किया है। — पंकज शर्मा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.