बैंक से 1.50 करोड़ की ठगी में तरनतारन से तीसरी गिरफ्तारी
पंजाब पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तरनतारन जिले के गोहलवढ़ गांव से 1.50 करोड़ की ठगी के मामले में तीसरे आरोपित दविदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
नवीन राजपूत, अमृतसर : पंजाब पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तरनतारन जिले के गोहलवढ़ गांव से 1.50 करोड़ की ठगी के मामले में तीसरे आरोपित दविदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पता चला है कि आरोपित ने साल 2017 में बैंक आफ इंडिया से फर्जी नाम और दस्तावेजों पर तीस लाख रुपये का कर्ज ले लिया था। जांच में सामने आया कि गोहलवढ़ निवासी संतोख सिंह के बेटे दविदर सिंह ने कर्जा लेने के लिए अपना नाम जगतार सिंह पुत्र सोहन सिंह रख लिया। साथ उसने अपना पता भी गुमटाला कालोनी की गली नंबर 4 कर दिया। सारे मामले में गोहलवढ़ के ही एक अन्य व्यक्ति की भी गिरफ्तारी होनी बाकी है। दविदर सिंह को शुक्रवार की शाम अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने आरोपित को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
मैनेजर की गिरफ्तारी पर पूर्व इंस्पेक्टर बन रहा रोड़ा
सारे प्रकरण की जांच के दौरान सामने आया था कि तत्कालीन पुलिस कमिश्नर का एक रीडर पूर्व इंस्पेक्टर बैंक आफ इंडिया के आरोपित पाए गए मैनेजर सिमरनजीत की गिरफ्तारी में रोड़ा अटका रहा है। जब पुलिस मैनेजर को काबू करने उसके घर पहुंची तो वहां पूर्व इंस्पेक्टर पहुंच गया। पुलिस टीम को आफर किया गया कि वह मैनेजर को अक्टूबर तक छोड़ दें, क्योंकि अक्टूबर 2021 में आरोपित मैनेजर ने अपनी ड्यूटी से रिटायर हो जाना है। बता दें बैंक से डिमोर्ट हो चुका मैनेजर सिमरन पिछले एक सप्ताह से भूमिगत हो चुका है। उक्त पूर्व इंस्पेक्टर कांग्रेस के सरपंच जगदीप सिंह की गिरफ्तारी नहीं डालने के लिए पुलिस दल को घूस की आफर दे रहा था। ओबीसी और पीएनबी ने भी दी शिकायतें
बैंक के वकील रवि महाजन ने बताया बैंक आफ इंडिया द्वारा चार एफआइआर दर्ज करवाने और आरोपितों की धरपकड़ के बाद ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स, पंजाब नेशनल बैंक भी सामने आए हैं। पता चला है कि आरोपितों ने ओबीसी बैंक (लोहरका रोड ब्रांच) से फर्जी दस्तावेज देकर फर्जी बैंक खाते खुलवाए हैं। रजिस्ट्री कार्यालय से निकलवाया
जा रहा रिकार्ड : एसीपी फाइनेंशियल क्राइम के एसीपी सुशील कुमार ने बताया कि आरोपितों द्वारा जिस जमीन पर कर्ज लिया गया था, उन रजिस्ट्रियों का रिकार्ड तहसीलदार कार्यालय से निकलवाया जा रहा है। आने वाले दिनों में मामले में दर्जनभर गिरफ्तारियां होंगी। पब्लिक मनी का दुरुपयोग करने वाले किसी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा। इनकी संपत्ति भी कुर्क करवाकर भरपाई की जाएगी।