Move to Jagran APP

एक करोड़ साठ लाख की ठगी में निजी बैंक का अफसर गिरफ्तार

1.60 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने आइडीएफसी बैंक के सेल्स अफसर राहुल खन्ना को गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 11:46 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 11:46 PM (IST)
एक करोड़ साठ लाख की ठगी में निजी बैंक का अफसर गिरफ्तार
एक करोड़ साठ लाख की ठगी में निजी बैंक का अफसर गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, अमृतसर: खुद को पूर्व निकायमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बताकर 1.60 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने आइडीएफसी बैंक के सेल्स अफसर राहुल खन्ना को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में षड्यंत्र रचने वाले मुख्य आरोपित व सिद्धू के करीबी होटल कारोबारी अमरजीत सिंह और उसके भाइ सुखजिदर सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है। सब इंस्पेक्टर प्रकाश सिंह ने बताया कि राहुल खन्ना ने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर दी है, जिस पर तीन सितंबर को सुनवाई मुकर्रर की गई है। उधर, कांग्रेस नेता अमरजीत सिंह के भाई सुखजिदर सिंह ने भी जिला सेशन कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। फिलहाल दोनों भाई पुलिस को गच्चा देकर भूमिगत हो चुके हैं।

loksabha election banner

दरअसल, रंजीत एवेन्यू के डी ब्लॉक निवासी हरपिदर सिंह की शिकायत पर कोतवाली थाने की पुलिस ने शिवाला कॉलोनी निवासी कांग्रेस नेता अमरजीत सिंह, उसके भाई सुखजिदर सिंह और आइडीएफसी बैंक के सेल्स अफसर राहुल खन्ना के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करना और षडयंत्र रचने के आरोप में केस दर्ज किया था। हरपिदर सिंह ने बताया था कि उनका ज्यादा समय विदेश में ही बीता है। उक्त दोनों आरोपित उनके पुराने दोस्त थे। साल 2015 में वह विदेश से लौटे थे। अमरजीत सिंह ने उन्हें बताया था कि निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का ओएसडी है और सत्ता में कई काम करवा सकता है। दोनों आरोपित भाइयों ने उसका लाखों रुपया होटल व्यवसाय में लगवाया। एक होटल बेचने के बाद उसका कर्ज उक्त पकड़े गए आरोपित द्वारा दूसरे होटल पर शिफ्ट करवा लिया। जब उन्होंने लौटकर हिसाब किया तो उन्हें पता चला कि उनके साथ 1.60 करोड़ की ठगी हो चुकी है।

गिरफ्तारी रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर

बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री के फर्जी ओएसडी अमरजीत सिंह ने गिरफ्तारी से बचने के लिए जुगाड़ लगाने शुरू कर दिए हैं। जांच अधिकारी पर भी दबाव डाला जा रहा है कि वह उसे गिरफ्तार न करें। पता चला है कि ठगी की राशि का कुछ हिस्सा देकर केस को रफा-दफा करने की बात भी चल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.