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ओमिक्रोन का खतरा, विदेश से आए यात्रियों की निगरानी ही नहीं कर रहा जिला प्रशासन

पंजाब सरकार द्वारा ओमिक्रोन से निपटने के लिए तैयारी का दवा किया जा रहा है पर ये दावे हवा में उड़ते दिख रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 06:30 AM (IST)
ओमिक्रोन का खतरा, विदेश से आए यात्रियों की निगरानी ही नहीं कर रहा जिला प्रशासन
ओमिक्रोन का खतरा, विदेश से आए यात्रियों की निगरानी ही नहीं कर रहा जिला प्रशासन

जासं, अमृतसर: कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट की भारत में दस्तक से दहशत बढ़ी है। हालांकि पंजाब में इस वेरिएंट का केस नहीं आया, पर लोगों को एहतियात बरतने होंगे। पंजाब सरकार द्वारा ओमिक्रोन से निपटने के लिए तैयारी का दवा किया जा रहा है, पर ये दावे हवा में उड़ते दिख रहे हैं।

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दरअसल, 12 देशों से आने वाले यात्रियों के जरिए ओमिक्रोन वेरिएंट के भारत में आने का अंदेशा है। इसके लिए श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरने वाले यात्रियों का बाकायदा कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन यात्रियों के गले से थ्रोड स्वैब लेकर रैपिड एंटीजन टेस्ट कर मौके पर रिपोर्ट दे रही हैं। ओमिक्रोन वेरिएंट की दहशत के बाद अमृतसर में अब तक तीन हजार यात्री आ चुके हैं। इनमें से कोई कोरोना पाजिटिव नहीं मिला। नियमानुसार इन्हें सात दिन तक होम क्वारंटाइन होने के आदेश हैं, पर विदेश से आए यात्री क्वारंटाइन होने का पालन कर रहे हैं अथवा नहीं, यह कोई नहीं चेक कर रहा।

वास्तविक स्थिति यह है कि बड़े अधिकारी आदेश जारी कर देते हैं और उनके नीचे के अधिकारी इसका पालन ही नहीं करवा पा रहे। नियमानुसार हर यात्री की सर्विलांस के लिए प्रशासन द्वारा समय समय पर उसके घर पर जाकर व्यक्तिगत रूप से पड़ताल की जानी चाहिए। इतना ही नहीं, यात्री के मोबाइल पर कौवा एप इंस्टाल की जानी चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह क्वारंटाइन नियम का पालन कर रहा है या फिर बेवजह बाहर घूम रहा है। अफसोसनाक पहलू है कि विदेश से आए यात्रियों के मोबाइल पर कौवा एप इंस्टाल नहीं की जा रही।

विश्व स्वास्थ्य संगठन व नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी ने पहली लहर में ही साफ कर दिया था कि यह जरूरी नहीं कि कोरोना टेस्ट के बाद रिपोर्ट पाजिटिव आए। कोरोना वायरस चार से पांच दिन बाद असर दिखा सकता है। ऐसे में हर यात्री की निगरानी बेहद जरूरी है। रविवार टीमों को भेजकर जांच करवाएंगे: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया जिसमें विदेश से आए यात्री घर से बाहर घूम रहे हों। लोग इस बात की जानकारी दें। वहीं कौवा एप इंस्टाल करवाने के बाबत अभी तक ऊपर से कोई आदेश नहीं आया। रविवार सुबह टीमों को भेजकर हम इसकी जांच कर लेते हैं। वीवीआइपी ड्यूटी पर स्वास्थ्य कर्मी, रेलवे स्टेशन पर नहीं हुए टेस्ट

सरकार ने रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों का कोविड टेस्ट करने के आदेश जारी किए हैं। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ को वीवीआइपी ड्यूटी पर भेज दिया गया, लिहाजा स्टेशन पर सैंपलिग नहीं हो सकी। सवाल यह है कि वीवीआइपी की तीमारदारी जरूरी है या फिर कोरोना की टेस्टिग? जरा सी लापरवाही ओमिक्रोन वायरस को अमृतसर में पहुंचा सकती है और फिर क्या होगा, यह सभी जाने हैं। बीते शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की टेस्टिग की थी। रेलवे सूत्र बताते हैं कि विभाग की टीमें एक काउंटर लगाकर कुर्सियों पर बैठ गईं जो यात्रियों स्वेच्छा से टेस्ट करवाने आए उनका टेस्ट किया गया हैं। अमृतसर में इस वक्त लगभग चालीस रेल गाड़ियों का आवागमन होता है। इस अनुपात में प्रतिदिन दस हजार से अधिक यात्री आते व जाते हैं। सभी का कोरोना टेस्ट होना जरूरी है। पाइटेक्स मेले में फैल न जाए कोरोना?

रंजीत एवेन्यू की दशहरा ग्राउंड में लगाए गए पाइटेक्स मेले में नियमों की सभी धज्जियां उड़ती हुई दिखाई दीं। मेले में भारी संख्या में पहुंचे लोग बिना मास्क के ही घूमते रहे। लोगों की यह लापरवाही कहीं आने वाले समय में भारी न पड़ जाए। वहीं डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने लोगों को मेले में मास्क पहनकर आने की अपील भी की थी, लेकिन उनकी अपील का कहीं कोई भी असर देखने को नहीं मिला। एकाध लोगों के बिना ज्यादातर लोग बिना मास्क के ही मेले में पहुंचे थे।


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