यात्रियों की बढ़ी संख्या, बीआरटीएस बसों के आए 'अच्छे दिन'
लंबे समय से घाटे में चल रही बीआरटीएस प्रोजेक्ट की बसों के अब अच्छे दिन आ गए हैं। बसों में अब यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: लंबे समय से घाटे में चल रही बीआरटीएस प्रोजेक्ट की बसों के अब अच्छे दिन आ गए हैं। बसों में अब यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे प्रोजेक्ट से संबंधित अधिकारियों ने कुछ सुकून की सांस ली है। इससे बसों के जल्द घाटे से निकलने की उम्मीद बढ़ गई है। क्योंकि 2020 में लाकडाउन खुलने के बाद जब से बसें चली हैं, इनमें यात्रियों की संख्या नाममात्र ही चल रही थीं। मगर अब एक-दो रूट को छोड़कर बाकी सभी रूट की बसें भरकर आ-जा रही हैं। यात्री बढ़ने का सबसे बड़ा कारण गर्मी है, क्योंकि बसें पूरी तरह से वातानुकूलित हैं। इसके साथ ही कोविड के दौरान आटो चालकों ने कम से कम किराया बीस रुपये कर दिया है जबकि बीआरटीएस में किराया नहीं बढ़ाया गया है। तीन लाख रुपये से ज्यादा का डीजल रोजाना होता है खपत
पिछले साल लगे लाकडाउन के बाद जब बसें चली तो यात्रियों की संख्या रोजाना 25 हजार से कम होकर तीन हजार तक रह गई थी। प्रोजेक्ट के अधीन 93 बसें है। इनमें से 72 बसें चल रही हैं और रोजाना करीब 3500 लीटर डीजल की खपत हो ही है। इस पर तीन लाख रुपये से अधिक का खर्च आ रहा है। इसके अलावा 300 के करीब कर्मचारी काम करते हैं। इनका मासिक वेतन कुल 35 लाख रुपये के करीब बनता है। ऐसे में यह सारे खर्च पंजाब मेट्रो बस सोसायटी कर रही है जबकि अब रोजाना यात्रियों की संख्या 12 से 15 हजार पहुंच गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में यात्री बढ़ने की उम्मीद है। इससे यह भी आस लगाई जा रही है कि जल्द ही सारे खर्च निकलने शुरू हो जाएंगे और सरकार का खजाना भरने लगेगा। पूरे देश में नंबर वन प्रोजेक्ट का मिला था खिताब
बीआरटीएस प्रोजेक्ट को कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद 27 जनवरी 2019 को दोबारा से शुरू किया गया था। पहले तीन महीने तक लोगों को फ्री सफर दिया गया था। इससे लोगों में इन बसों में सफर का रूझान भी बढ़ा था। यही कारण है अगस्त 2019 में अमृतसर बीआरटीएस को देश का नंबर प्रोजेक्ट होने का खिताब भी मिल चुका है।