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अब निजी लैबोरेट्रीज में भी हो सकेगा स्वाइन फ्लू का टेस्ट

स्वाइन फ्लू वायरस से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैबोरेट्रीज संचालकों को एच1 एन 1 टेस्ट करने की अनुमति देने का प्रारूप तैयार किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 01:08 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 01:08 AM (IST)
अब निजी लैबोरेट्रीज में भी हो सकेगा स्वाइन फ्लू का टेस्ट
अब निजी लैबोरेट्रीज में भी हो सकेगा स्वाइन फ्लू का टेस्ट

नितिन धीमान, अमृतसर: स्वाइन फ्लू वायरस से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैबोरेट्रीज संचालकों को एच1 एन 1 टेस्ट करने की अनुमति देने का प्रारूप तैयार किया है। इसके तहत उन निजी लैबोरेट्री संचालकों को यह टेस्ट करने की इजाजत मिलेगी, जो नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर टे¨स्टग एंड कलेबिरेशन लैबोरेट्री एनएबीएल की ओर से निर्धारित शर्तो को पूरा करती हो।

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दरअसल, स्वाइन फ्लू वायरस की जांच के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर, पटियाला व पोस्ट ग्रेजुएशन इंस्टीट्यूट चंडीगढ़ में स्वाइन फ्लू टेस्टिंग लैब मौजूद हैं। इन तीनों लैब में संदिग्ध बुखार से पीड़ित मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। अमृतसर स्थित स्वाइन फ्लू लैब में तीन माह के अंतराल में 300 से अधिक मरीजों की जांच हो चुकी है। तीनों लैब पर सैंपल की जांच करने का काफी दबाव है। दूसरी तरफ प्रदेश भर में स्थापित निजी लैबोरेट्री में भी सैंपल की जांच की जा रही है। निजी लैबोरेट्री में एच1 टेस्ट ही होता है, जबकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार एच 1 व एन 1 टेस्ट करना लाजमी है। एच1 टेस्ट के आधार पर ही उन्हें स्वाइन फ्लू पॉजिटिव घोषित कर रहे थे। यह अधूरी रिपोर्ट राज्य में स्वाइन फ्लू का खौफ पैदा कर रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैबोरेट्री संचालकों को हिदायत की थी कि वे स्वाइन फ्लू टेस्ट न करें, पर इन पर इसका असर न हुआ। अब स्वास्थ्य विभाग ने निजी लैबोरेट्री संचालकों को विकल्प दिया है कि वे एनएबीएल की गाइडलाइन पूरी करें, इसके बाद एच1एन1 टेस्ट कर सकते हैं। विभाग ने इस टेस्ट के लिए 3500 रुपये निर्धारित किए हैं। हालांकि सरकारी लैब में यह टेस्ट निशुल्क होता है। निजी लैबोरेट्री संचालक अप्लाई करेंगे तो मिलेगी अनुमति : डॉ. घई

सिविल सर्जन डॉ. हरदीप ¨सह घई ने कहा कि जो निजी लैबोरेट्री संचालक एच1एन1 टेस्ट करना चाहता है, उसे पहले स्वास्थ्य विभाग के पास अप्लाई करना होगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम निजी लैब का निरीक्षण करेगी। एनएबीएच की गाइडलाइन के अनुसार, निजी लैब में आधुनिक चिकित्सा उपकरण एवं इंफ्रास्ट्रक्चर होना अनिवार्य है। यदि सब कुछ नियम के अनुसार ठीक पाया गया, तब ही निजी लैबोरेट्री को टेस्ट करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। लैबोरेट्री संचालक टेस्ट की एवज में 3500 रुपये से अधिक नहीं वसूल पाएंगे।

188 सी के तहत होगी कार्रवाई

निजी लैबोरेट्री संचालक अब स्वाइन फ्लू का खौफ दिखाकर पैसे नहीं वसूल पाएंगे। स्वास्थ्य विभाग संचालकों के खिलाफ 188 सी के तहत कार्रवाई करेगा। इसके तहत तीन माह की सजा का प्रावधान भी है। वर्तमान में निजी लैबोरेट्री में एच1 टेस्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग इसे मान्यता नहीं देता।


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