नौ साल की बेटी कहती है पापा कोरोना को हराकर ही घर आना
अमृतसर कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए रोजाना नई स्फूर्ति और ताकत के साथ मैदान में उतरने वाले इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह की दास्तां सबसे जुदा है।
नवीन राजपूत. अमृतसर : कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए रोजाना नई स्फूर्ति और ताकत के साथ मैदान में उतरने वाले इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह की दास्तां सबसे जुदा है। वह कोरोना वायरस से नहीं डरते क्योंकि उन्हें विश्वास है कि वाहेगुरु का आशीर्वाद और परिवार का स्नेह सदैव उनके साथ है। किसी भूखे-प्यासे का संदेश उन्हें मिलता है, तो वह उसकी सहायता करने के लिए उसी वक्त निकल पड़ते हैं।
गेट हकीमा थाने के बतौर प्रभारी काम कर रहे इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि वह पिछले 28 दिन से जरूरतमंद लोगों को राशन, मरीजों को दवाएं और सब्जियां भिजवा रहे हैं। उन्हें कर्फ्यू के पहले दिन ही आभास हो गया था कि कोरोना वायरस के खिलाफ देशवासियों की जंग लंबी चलने वाली है। रोज कमा कर पेट भरने वाले लोगों के लिए यह काफी मुश्किल होगा। उन्होंने पहले दिन ही इलाके में पड़ने वाले गुरुद्वारा साहिब और मंदिरों के मुखियों से लंगर के बारे में बात कर ली थी। इसके अलावा उन्होंने खुद अपने वेतन और थाने के प्रत्येक मुलाजिम के वेतन के कुछ हिस्से से राशन खरीदा और उसे जरूरतमंद परिवारों तक भिजवाया।
इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि उनकी बेटी हरसिफ्त कौर (9) कोरोना के खतरे से अच्छी तरह से परिचित है। घर से फोन पर अकसर वह उनसे बात करती है, तो यही कहती है कि पापा कोरोना को हराकर घर आना। इंस्पेक्टर ने बताया परिवार में डॉक्टर पत्नी प्रभजोत कौर और बेटा रावउद्य सिंह (16) से उन्हें एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जिससे वह दिन में 18 घंटे तक ड्यूटी कर रहे हैं।
जनता रहे घर, पुलिस करेगी कोरोना से दो-दो हाथ
इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि राशन की कमी आने पर वह अपने जानकर कई समाज सेवी संस्थाओं से भी आह्वान कर चुके हैं। इन संस्थाओं के सहयोग से वह जरूरतमंदों का सहारा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि घर जाते समय वह अच्छी तरह से सैनिटाइज होकर जाते हैं और घर जाकर खुद को सारे परिवार से अलग रखते हैं। उन्होंने शहर की जनता से अपील की है कि वह घरों में रहें। पुलिस सड़कों पर कोरोना से दो-दो हाथ करने को तैयार है, ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।