फूलों की श्रृंगार कर नवविवाहितों ने ठाकुर जी का लिया आशीर्वाद
कोरोना संक्रमण का भय धार्मिक सनातन परंपरा पर दिखाई नहीं दिया।
कमल कोहली, अमृतसर : कोरोना संक्रमण का भय धार्मिक सनातन परंपरा पर दिखाई नहीं दिया। सांवे के पर्व पर्व नवविवाहिता महिलाएं फूलों का श्रृंगार करके अपनी सनातन परंपरा निभाकर खुश दिखाई दे रही थीं। कोरोना संक्रमण के बचाव की सावधानियों के साथ ठाकुर जी के दरबार में नवविवाहित महिलाए अपने पति की दीर्घायु व परिवार की सुख शांति के लिए अराधना करके अपनी परंपरा को निभा रही थी। इस यादगारी लम्हों को अपने मोबाइल फोन में कैद करने में लगी थी। यह अदभुत नजारा श्री दुग्र्याणा तीर्थ परिसर में सावन माह के प्रथम रविवार को मनाये जाने वाले सांवे पर्व के दौरान दिखाई दिया।
मोतियों के फूलों से किया ठाकुर जी श्रंगार
सावन माह के प्रथम रविवार को श्री लक्ष्मी नारायण, श्री राम दरबार, श्री राधा कृष्ण का श्रृंगार मोतियों के फूलों के साथ किया गया, वहीं सोने के साथ भी श्रृंगार किया गया। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में हरियाली भरा बगीचा भक्तजनों को आर्कषण कर रहा थ। तीर्थ के मुख्य पुजार बाल कृष्ण ने कहा कि यहां सनातन परंपरा हैं, जिसे कई वर्षो से श्री दुग्र्याणा तीर्थ निभा रहा हैं। यह सांवे की परंपरा माता पार्वती के सावन माह को किए गए श्रृंगार के साथ शुरु हुई थी। नवविवाहित महिलाए श्रृंगार करके अपने पति की दीर्घायु के लिए अराधाना करते हैं। श्रृंगार करके खुश महिलाएं
श्रृंगार कर रही मुस्कान पत्नी लवलीन निवासी मजीठा रोड ने कहा कि फूलों का श्रृंगार करके उनको काफी खुशी महसूस हो रही है। हनी पत्नी अंकुश निवासी प्रेम नगर, राखी पत्नी प्रकुशन निवासी बटाला रोड, शिवानी पत्नी केशव निवासी पवन नगर, वैशाली पत्नी रोहित निवासी फ्रेंडस कॉलोनी, श्वेता पत्नी अमन व अन्य नवविवाहित महिलाओं ने कहा कि ठाकुर जी के दर्शन करके उनको काफी खुशी प्राप्त हुई हैं। यह हमारी विरासत हैं। उसको निभाने से हम सभी कष्टों से बचे रहते हैं।
तीर्थ में किए पूरे प्रबंध
श्री दुग्र्याणा कमेटी द्वारा भक्तों का तापमान चेक कर तीर्थ में प्रवेश करवाया जा रहा है। सभी भक्तों के हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा था। शरीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा हैं। कमेटी के प्रधान रमेश शर्मा व महासचिव अरुण खन्ना ने कहा कि सावन माह के हरेक रविवार को सांवे का पर्व दौरान विशेष प्रबंध किए गए हैं। भक्तों को आर्शीवाद के तौर पर आम का प्रसाद दिया जा रहा हैं।