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पंजाब में जागीरदारी की राजनीति, इसे खत्म करना जरूरी: राजासांसी

एससी-बीसी समाज की ओर से रैली की गई। इसमें प्रजापत बिरादरी के नेता जत्थेदार रघुबीर सिह राजासांसी भी पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 10:00 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 10:00 PM (IST)
पंजाब में जागीरदारी की राजनीति, इसे खत्म करना जरूरी: राजासांसी
पंजाब में जागीरदारी की राजनीति, इसे खत्म करना जरूरी: राजासांसी

जागरण संवाददाता, अमृतसर: एससी-बीसी समाज की ओर से रैली की गई। इसमें पहुंचे प्रजापत बिरादरी के नेता जत्थेदार रघुबीर सिह राजासांसी ने कहा कि पंजाब में जागीरदारी राजनीति चल रही है इसे खत्म करना जरूरी है। इससे ही एससी व बीसी समाज का कल्याण है। इसके लिए सभी को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।

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एससी-बीसी समाज की ओर से कस्बा वेरका में की गई रैली की अगुआई वरिष्ठ नेता मंजीत सिंह वेरका, बलबीर सिंह पंचवड़ कर्मजीत सिंह नरंगवाल की ओर से की गई। जत्थेदार राजासांसी और पूर्व पार्षद गुरिदर सिंह ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष होने के बावजूद भी अनुसूचित जातियों का कल्याण नहीं हो पाया है। इसके लिए सत्ता पर काबिज रही शक्तियां जिम्मेदार है। इनकी ओर से अनुसूचित जातियों को सिर्फ वोट बैंक के लिए ही उपयोग किया गया है। उनको उनके अधिकारों से हमेशा वंचित रखा गया। यह सोच पंजाब की जगीरदार राजनीति की है। इसे उखाड़ फेंकने का अब समय आ गया है। आज बाबा साहेब आंबेडकर की सोच को अब सही ढंग से लागू करने का वक्त आ गया है। आज देश की मांग है कि मंडल कमीशन की 27 प्रतिशत वाली रिपोर्ट लागू की जाए। एससी-बीसी समाज के साथ जो वादे किए गए थे, उनको पंजाब की नई सरकार लागू करे। माझा और मालवा जोन से विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़े करेंगे

इन नेताओं ने कहा कि संगठन की ओर से माझा और मालवा जोन से विधानसभा चुनाव में अलग-अलग उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे। यह उम्मीदवार किसान मोर्चा, एससी बीसी समाज की जत्थेबंदियों और प्रजापत समाज की सलाह के साथ खड़े किए जाएंगे। इस दौरान मेवा सिंह, संपूर्ण सिंह, बचित्तर सिंह, रमेश चंद, लखबीर सिंह, बरिदर सिंह ,जगजीत सिंह ने भी संबोधित किया। ये उठाई मांगें

-तीनों कृषि कानून रद किए जाएं।

-पंजाब सरकार जाति के आधार पर जनगनणा करवाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव पारित करके भेजे।

-राज्य में 42 प्रतिशत बीसी समाज की जनसंख्या के आधार पर रिजर्वेशन लागू करे।

-27 सितंबर को किसानों के भारत बंद को समर्थन देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।


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