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सोचने-समझने की शक्ति कमजोर कर देता है नशा: मक्कड़

बैसाखी के अवसर पर न्यूरोसाइक्रेटिक डॉ. हरजोत सिंह मक्कड़ ने रंजीत एवेन्यू स्थित अस्पताल में निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 07:01 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 07:01 PM (IST)
सोचने-समझने की शक्ति कमजोर कर देता है नशा: मक्कड़

जागरण संवाददाता, अमृतसर : बैसाखी के अवसर पर न्यूरोसाइक्रेटिक डॉ. हरजोत सिंह मक्कड़ ने रंजीत एवेन्यू स्थित अस्पताल में नि:शुल्क मेडिकल कैंप का करवाया। कैंप का उद्घाटन पंजाब की पहली महिला ढोली बलजीत कौर ने किया। डॉ. मक्कड़ व बलजीत कौर ने लोगों को नशे से दूर रहने की अपील की।

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डॉ. मक्कड़ ने कहा कि नशा इंसान के दिमाग पर गहरा असर डालता है। कई नशीले पदार्थ ऐसे रसायनों से लैस होते हैं जिनसे मस्तिष्क के न्यूरॉन्स हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इससे मस्तिष्क में संचार प्रणाली स्थाई रूप से प्रभावित हो जाती है। सोचने समझने की शक्ति कमजोर पड़ जाती है। असल में नशा शुरू-शुरू में अच्छा लगता है, लेकिन जब उसकी इच्छा पैदा हो जाती है और व्यक्ति को नशा मिलता नहीं तो यह उसे हासिल करने के लिए अपराध की दुनिया में भी कदम रखता है। नशे से छुटकारा पाने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति और इलाज की जरूरत होती है। नशे से पंजाब की जवानी बर्बाद हो रही है। बलजीत कौर ने लोगों से अपील की कि वे नशे का सेवन न करें। तनाव से दूर रहें।


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