शराब के ठेके दबाकर बैठे नगर निगम का पांच करोड़ प्रापर्टी टैक्स
शहर के 550 से ज्यादा ऐसे शराब के ठेके हैं जो नगर निगम का पिछले कई सालों से प्रापर्टी टैक्स दबाकर बैठे हैं। इनसे निगम आज तक प्रापर्टी टैक्स वसूल नहीं पाया है।
हरीश शर्मा, अमृतसर
आम लोग अगर कुछ दिन भी प्रापर्टी टैक्स देने में लेट हो जाएं तो निगम की पूरी टीम प्रापर्टी सील करने पहुंच जाती है। फिर यहीं बात खत्म नहीं होती। जब तक दफ्तरों में चक्कर लगाकर उनकी चप्पलें न घिस जाएं, तब तक उसे एनओसी नहीं मिलती। दूसरी तरफ शहर के 550 से ज्यादा ऐसे शराब के ठेके हैं जो नगर निगम का पिछले कई सालों से प्रापर्टी टैक्स दबाकर बैठे हैं। इनसे निगम आज तक प्रापर्टी टैक्स वसूल नहीं पाया है। इन ठेकों के ठेकेदारों पर करीब पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स बकाया है। निगम अधिकारी इन ठेकों को सील करने में तो कोई रुचि नहीं दिखाते। टैक्स जमा हो रहा या नहीं, नगर निगम के पास रिकार्ड ही नहीं
नगर निगम के पास अभी तक ऐसा कोई भी रिकार्ड नहीं है कि कोई ठेकेदार टैक्स जमा करवा रहा है या नहीं। अब स्थानीय अधिकारी हेड आफिस से लिस्टें मंगवा रहे हैं ताकि पता चल सके कि जिस जगह पर ठेके हैं, उनमें से किसका टैक्स अदा हुआ और किसका नहीं। नई एक्साइज पालिसी के तहत पिछले लगातार दो साल से पुराने ठेकेदारों को ही ठेके रिन्यू किए जा रहे हैं। बावजूद इसके विभाग रिकार्ड मेनटेन करने में फिसड्डी साबित हुआ है। कुछ को भेजे गए नोटिस
साल 2018-19 का प्रापर्टी टैक्स वसूलने के लिए नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किए गए थे। बावजूद इसके चंद ही ठेकेदारों ने अपना टैक्स जमा करवाया है। उसके बाद लगातार मामला ठंडे बस्ते में जाता रहा। बाद में कोविड का बहाना बन गया और ठेकेदारों ने टैक्स जमा नहीं करवाया। कोट्स
सारी लिस्टें मंगवाई गई हैं। कुछ को नोटिस भी जारी किए गए हैं। सप्ताह के भीतर लिस्टें पहुंच जाएंगी। उसके बाद जो भी टैक्स जमा नहीं करवाएंगे, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
-कोमल मित्तल, नगर निगम कमिश्नर