बटाला रोड में कमर्शियल निर्माणधीन इमारत पर चली निगम की डिच
नगर निगम के एमटीपी विभाग ने बटाला रोड स्थित एएस फार्म के नजदीक अवैध तौर पर निर्माणधीन कमर्शियल इमारत को डिच की सहायता से धाराशाही कर दिया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: नगर निगम के एमटीपी विभाग ने बटाला रोड स्थित एएस फार्म के नजदीक अवैध तौर पर निर्माणधीन कमर्शियल इमारत को डिच की सहायता से धाराशाही कर दिया।
कमिश्नर कोमल मित्तल की हिदायत पर एमटीपी नरिदर शर्मा ने आज विभाग के एटीपी परमिदरजीत सिंह व इंस्पेक्टर परमजीत सिंह को उक्त इमारत की मिल रही शिकायतों के बाद भेजा। शिकायत में विभाग को पता चला कि इमारत मालिक ने बिल्डिग बॉयलाज के तहत छोड़ी गई सात फुट जगह पर भी निर्माण कर लिया है, जोकि सीधा बिल्डिग बॉयलाज का उल्ल्घंन है। एमटीपी के आदेश पर उपरोक्त अधिकारियों ने निर्माणधीन इमारत को डिच की सहायता से गिरा दिया। विभागीय अधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर दोबारा अवैध तौर पर निर्माण किया तो केस दर्ज करवाने से भी विभाग पीछे नहीं हटेगा। सोमवार से 105 अवैध निर्माणों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी
जागरण संवाददाता, अमृतसर: नगर निगम का एमटीपी विभाग सोमवार से बड़े अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने जा रहा है। एमटीपीज़ व एटीपीज़ ने 105 निर्माणों को सूची एडीशनल कमिश्नर संदीप रिषी को सौंप दी है। रिषी ने साफ किया कि कम्पाउंड की जाने वाली इमारतों को कम्पाउंड किया जाएगा और अन्य को सील किया जाएगा या फिर गिराया जाएगा। संदीप रिषी ने बताया कि शहर में लगभग डेढ़ सौ के लगभग अवैध निर्माणों की सूची एमटीपी विभाग द्वारा तैयार की गई थी। इनमें से एमटीपी नरेंद्र शर्मा ने 60 और एमटीपी आइपीएस रंधावा ने 45 इमारतों की सूची दी है। अब मेयर और कमिश्नर से वार्ता कर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। सोमवार से कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। कमिश्नर के आदेश, रोजाना एक अवैध इमारत पर हो कार्रवाई
जागरण संवाददाता, अमृतसर: अवैध निर्माणों को लेकर फजीहत झेल रहे एमटीपी विभाग पर नगर निगम कमिश्नर कोमल मित्तल और विभागीय इंचार्ज कम एडीशनल कमिश्नर संदीप रिषी ने शिकंजा कस दिया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को साफ शब्दों में कह दिया है कि वह अपनी छवि सुधारें और जिन इमारतों को लेकर रेगुलर शिकायतें आ रही हैं, उन पर कार्रवाई करे। एमटीपी नरेंद्र शर्मा और आइपीएस रंधावा की हाजिरी में कमिश्नर मित्तल ने उन्हें निर्देश दिए कि विभागीय अधिकारी रोजाना एक कॉमर्शियल अवैध निर्माण पर कार्रवाई करें। अगर कहीं कानूनी कार्रवाई की जरूरत पड़ती है तो उससे भी परहेज न किया जाए।