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मानसून की दस्तक, प्रशासन ने कसी कमर

मानसून की पंजाब में दस्तक के साथ ही जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 11:29 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 11:29 PM (IST)
मानसून की दस्तक, प्रशासन ने कसी कमर
मानसून की दस्तक, प्रशासन ने कसी कमर

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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मानसून की पंजाब में दस्तक के साथ ही जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली है। संभावित बाढ़ की सूरत में जिला हेडक्वार्टर के साथ-साथ अजनाला और बाबा बकाला के हेडक्वार्टर पर भी कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए गए हैं। इन कंट्रोल रूम पर प्रशासन की टीमें मुस्तैद हैं। रावी और ब्यास दरिया में पानी के बहाव की प्रति घंटे रिपोर्ट बनाई जा रही है। डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों खुद इस रिपोर्ट पर नजर रखे हुए हैं।

अजनाला से रावी दरिया पाकिस्तान की तरफ जाता है जबकि बाबा बकाला क्षेत्र से सतलुज दरिया निकलता है। इन तहसीलों के करीब 60 गांव रेड जोन में रखे गए हैं। अजनाला के 47 गांव रावी दरिया के किनारे पर हैं जबकि बाबा बकाला के 13 गांव सतलुज के किनारे बसे हुए हैं। क्योंकि ज्यादातर बाढ़ गुरदासपुर की सीमा से सटे अजनाला के इलाकों में आती है, तो यहां समुचित प्रबंध कर लिए गए हैं। बाढ़ की सूरत में इन नंबरों पर करें संपर्क

प्रशासन ने जिला हेडक्वार्टर स्तर पर जहां कंट्रोल रूम नंबर 0183-229125 स्थापित किया, वहीं अजनाला के लिए 01858-221102 तथा बाबा बकाला के लिए 01853-245510 पर कंट्रोल रूम बनाया है। इन कंट्रोल रूम नंबरों पर 24 घंटे टीमें तैनात रहेंगी। बाढ़ की सूरत में किसी भी तरह की मदद के लिए जिला हेडक्वार्टर के अलावा संबंधित इलाकों के कंट्रोल रूम नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।

अजनाला के एसडीएम डॉ. दीपक भाटिया ने बताया कि क्षतिग्रस्त धुस्सियों की मरम्मत का काम लगभग पूरा हो चुका है। रावी दरिया किनारे बसे गांवों के लोगों को आपात स्थिति में शिफ्ट करने के लिए हलके के करीब दो दर्जन स्कूल चिन्हित किए हैं। सरपंचों के साथ बैठकें कर उन्हें कंट्रोल रूम के नंबरों की जानकारी दी गई है।

वहीं बाबा बकाला की एसडीएम डॉ. सुमित मुध ने कहा कि उनके हलके में बाढ़ का ज्यादा असर नहीं होता। लेकिन बाढ़ से पैदा होने वाले आपात हालातों के लिए व्यवस्था अभी से कर ली गई है। दरिया किनारे बसे गांवों के सरपंचों के साथ बैठकें की जा रहीं हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर वे लोग आसानी से प्रशासन की मदद ले सकें। बाढ़ के हालात में बांध बांधने में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, किश्तियां, तिरपालें व गोताखोरों की व्यवस्था की जा रही है। बाढ़ के हालात में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल बनाया जा रहा है। एसडीएम से कहा कि वे अपने इलाके में दरिया के पानी के बहाव संबंधी रिपोर्ट उन्हें समय-समय पर देते रहें। जरुरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किए जाने के प्रबंध कर लिए गए हैं। शिवदुलार सिंह ढिल्लों, डिप्टी कमिश्नर, अमृतसर


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