मिलावट का गंदा खेल, अंतरराष्ट्रीय कंपनी के देसी घी में वनस्पति का मेल
नितिन धीमान, अमृतसर : मिलावट की कालिख से कोई बच नहीं पा रहा। महंगेऔर ब्रांडेड खाद्य पदार्थो
नितिन धीमान, अमृतसर : मिलावट की कालिख से कोई बच नहीं पा रहा। महंगेऔर ब्रांडेड खाद्य पदार्थों पर भी मिलावट का काला साया मंडरा रहा है। अंतरराष्ट्रीय ब्रांड पर आंखें मूंद कर विश्वास करने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने मिलावट का सच दिखाया है। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा द्वारा बीते वीरवार को शहर में शुरू की गई फूड सेफ्टी मोबाइल वैन ने एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी की पोल खोली है जो स्वाद और शुद्धता का दंभ भरती है।
दरअसल, इस कंपनी द्वारा पैकेट में बंद करके बेचा जा रहा शुद्ध देसी घी अशुद्ध पाया गया है। इस घी में भारी मात्रा में वनस्पति घी मिला है। पैकेट में 100 प्रतिशत प्योरिटी का दावा किया गया है। मोबाइल वैन में स्थापित लेबोरेट्री में इस घी की जांच की गई तो भारी मात्रा में वनस्पति घी मिश्रित पाया गया। यह जानने के बाद घी खरीदने वाला परिवार भी दंग रह गए। तकरीबन 500 रुपये किलोग्राम के दाम पर बिकने वाले इस घी में मिलावट है, ऐसा शायद किसी ने सोचा भी न होगा।
विभागीय अधिकारियों के नोटिस में लाने के बाद कंपनी पर लेंगे एक्शन : डॉ. लखबीर सिंह
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर ¨सह भागोवालिया ने बताया कि इस घी का सैंपल मोबाइल वैन में लिया गया। वनस्पति मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की अधिकृत लैब में सैंपल की जांच की गई। यहां भी देसी घी में वनस्पति घी मिश्रित होने की पुष्टि हुई है। बहरहाल, इस मामले की जानकारी चंडीगढ़ स्थित हेडक्वार्टर को दी जा रही है। विभागीय अधिकारियों के नोटिस में लाने के बाद कंपनी के खिलाफ लीगल एक्शन होगा। डॉ. भागोवालिया ने स्पष्ट किया कि इसके अलावा कई घरों में सप्लाई होने वाले दूध में पानी की मात्रा पाई गई है। पिछले तीन दिनों से शहर की सड़कों पर दौड़ रही फूड सेफ्टी मोबाइल वैन ने अब तक 25 सैंपल भरे हैं। इन सभी सैंपलों की जांच वैन के भीतर बनी लेबोरेट्री में की जा रही है।
गुलाबी रंग और ¨रग उभर आए
फूड सेफ्टी मोबाइल वैन में सिविल अस्पताल का लेबोरेट्री टेक्निशियन कार्यरत हैं। उसने जब देसी घी की जांच की तो मशीन में गुलाबी रंग दिखाई दिया। गुलाबी रंग का अर्थ है कि इसमें वनस्पति की मात्रा है। इसके बाद एलटी ने फूड एनेलेसिस को यह बात बताई। फूड एनेलेसिस ने एक बार पुन: घी को फूड सैंप¨लग मशीन में लगाया। इस बाद पूरी तरह पुष्टि करने के लिए देसी घी में थोड़ा सा वनस्पति घी मिलाया गया। अबकी बार गुलाबी रंग के साथ गहरे रंग के ¨रग भी उभर आए। दूसरे चरण की टे¨स्टग में थोड़ा सा वनस्पति घी मिलाने की शत-प्रतिशत पुष्टि हो जाती है कि देसी घी में वनस्पति मिक्स है।
यहां कभी बहता था दूध का दरिया
पंजाब में दूध का दरिया बहता था। गायों व भैंसों का ताजा दूध पीकर जवां होने वाले पंजाबी गबरूओं को अब पैकेट बंद दूध का सेवन करना पड़ रहा है। कारण है गोधन की कमी। पशु पालने की इच्छा खत्म होने की वजह से लोग इन अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर आश्रित हो गए हैं।