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डेडलाइन खत्म हो चुकी, 112 करोड़ के प्रोजेक्ट अधूरे, लागत का बोझ बढ़ा रहे

शहर में चल रहे कई विकास कार्य अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। इनमें वल्ला रेलवे ब्रिज 22 नंबर फाटक रेलवे ब्रिज फूड स्ट्रीट और सर्किट हाउस मुख्य हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 06:00 PM (IST)
डेडलाइन खत्म हो चुकी, 112 करोड़ के प्रोजेक्ट अधूरे, लागत का बोझ बढ़ा रहे
डेडलाइन खत्म हो चुकी, 112 करोड़ के प्रोजेक्ट अधूरे, लागत का बोझ बढ़ा रहे

हरीश शर्मा, अमृतसर : शहर में चल रहे कई विकास कार्य अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। पहले कोरोना के कारण प्रोजेक्ट लटक गए और जब कोरोना के बाद काम शुरू हुआ तो विभागों की ओर से इसमें देरी की जाती रही। इनमें वल्ला रेलवे ब्रिज, 22 नंबर फाटक रेलवे ब्रिज, फूड स्ट्रीट और सर्किट हाउस मुख्य हैं। इन प्रोजेक्टों की कुल लागत 112 करोड़ रुपये बनती है। इनकी डेडलाइन खत्म हो चुकी है, पर अभी काम लटका हुआ है। इसका नतीजा यह है कि प्रोजेक्ट मे देरी होने की वजह से इसकी कीमत में भी इजाफा हो रहा है।

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वल्ला फाटक और 22 नंबर फाटक पर ब्रिज का काम 70 फीसद हुआ

वल्ला फाटक और 22 नंबर फाटक पर बनने वाले ब्रिज का शुभारंभ पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मार्च 2019 में किया था। दोनों प्रोजेक्ट 18 महीने में यानी सितंबर 2020 में पूरे होने थे। मार्च 2020 में लाकडाउन हो गया। सितंबर 2020 में काम फिर शुरू हुआ। जो मार्च 2020 तक पूरा किया जाना था, मगर नहीं हो पाया। इस समय में दोनों ही ब्रिज का काम करीब 70 प्रतिशत तक हुआ है। इसे पूरा होने में अभी भी छह महीने का समय लगेगा। वल्ला फाटक के ब्रिज की लागत 34 करोड़ और 22 नंबर फाटक ब्रिज की लागत 25 करोड़ रुपये है। यह होगा फायदा

इन दोनों पुल के बनने पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। 22 नंबर फाटक के जरिए लाहौरी गेट से इस्लामाबाद, छेहरटा, खंडवाला आदि इलाकों की ट्रैफिक पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इसी तरह वल्ला फाटक पर ब्रिज बनने पर सब्जी मंडी जाने वाले लोगों को सुविधा होगी, साथ ही मेहता चौंक आदि की तरफ जाने वाले लोग भी बिना ट्रैफिक के जा पाएंगे। नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी ने कहा कि दोनों ब्रिज का काम लगातार जारी है। जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसकी कीमत में कोई ज्यादा फर्क नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण लेबर भी चली गई थी। इस कारण काम में देरी हुई। फूड स्ट्रीट : जून 2020 में पूरी होनी थी

11.42 करोड़ रुपये से तैयार की जाने वाली फूड स्ट्रीट का काम जून 2020 में पूरा होना था। मगर पहले कोविड के कारण पहले काम रुका। इसके बाद जब शुरु हुआ तो नवंबर 2020 में इसे पूरा किया जाना था, लेकिन इस डेडलाइन पर भी काम पूरा नहीं हो पाया। मौजूदा समय में भी इसका काम जारी है और कब खत्म होगा, इस पर अधिकारी भी कुछ कह पाने में असमर्थ है।

यह होगा खास

फूड स्ट्रीट में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र अमृतसर के रिवायती व्यंजन रहेंगे। इनमें खास तौर पर सरसों का साग, मक्की की रोटी, लस्सी, कुलचे-छोले, चने-भठूरे, अमृतसरी खट्टे वाले लड्डू, गुलाब जामुन आदि पर्यटकों को लुभाएंगे। इसके अलावा कुल 125 तरह के खाने फूड स्ट्रीट में मिलेंगे। इतना ही नहीं, 11 अलग-अलग आउटलेट भी यहा पर खोलने की तैयारी है। खास बात यह है कि इस फूड स्ट्रीट से दरबार साहिब तक का पैदल रास्ता केवल पाच मिनट का है। सर्किट हाउस : 2014 में शुरू हुआ था इसका काम

पुराने सर्किट को तोड़कर यहा नई इमारत बनाने का काम तब की अकाली सरकार ने 2014 में शुरू करवाया था। पुराने सíकट हाउस काप्लेक्स में 75 हजार वर्ग फुट एरिया में आधुनिक बहुमंजिला सíकट हाउस का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इस पर कुल 22 करोड़ रुपये खर्च और 18 महीनों में यानी मार्च 2016 तक पूरा किया जाना था। मगर सात साल बाद भी इसे पूरा नहीं किया जा सका। पिछले समय के दौरान इस पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च कर इसका मात्र ढाचा ही तैयार किया जा सका है। इसकी कीमत करीब छह करोड़ रुपये बढ़ चुकी है। यह होगा फायदा

इसमें दो वीवीआइपी सुइट तैयार किए जाएंगे, जिनमें अमृतसर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री या राज्यपाल स्टे कर सकेंगे। यहा 60 एयर कंडीशड बेड रूम, एक बड़ा काफ्रेंस हाल और तीन बड़े मीटिग हाल भी बनाए जाने हैं। सíकट हाउस की पूरी इमारत पर सीसीटीवी से नजर रखी जाएगी और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा ने कहा कि सíकट हाउस पीपीपी के अधीन चल रहा है। काम को दोबारा शुरू करवाया गया है। प्रोजेक्ट कोस्ट में कुछ बढ़ोतरी हुई है। एक साल के भीतर इसे तैयार फंक्शनल कर दिया जाएगा। भंडारी पुल एक्सटेंशन का धीमी गति में हो रहा काम

कोरोना के कारण नगर सुधार ट्रस्ट की तरफ से भंडारी पुल एक्सटेंशन प्रोजेक्ट का काम धीमी गति में चल रहा है। इस काम को मार्च में पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन पूरा नहीं हो सका। अभी तक एक बो स्ट्रिंग गार्डर ही पुल पर रखा गया है, जबकि दूसरे का निर्माण किया जा रहा है। उसे जून के अंत तक रखा जाना था, लेकिन रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाईजेशन (आरडीएसओ) की टीम लखनऊ द्वारा दौरा न किए जान के कारण काम रुका हुआ है। पांच मार्च 2020 को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की तरफ से भंडारी पुल एक्सटेंशन प्रोजेक्ट का काम शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत 31-31 फीड चौड़ा टू-वे ब्रिज तैयार किया जा रहा है। इसकी लंबाई करीब 220 फीट रहेगी। यह होगा लाभ

नया पुल बनने के बाद यहा ट्रैफिक भी काफी कम हो जाएगी और लोगों को ट्रैफिक की परेशानी से नहीं जूझना पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट पर 20 करोड़ रुपये का खर्च होगा, जिसका काम नगर सुधार ट्रस्ट ही कर रहा है। ट्रस्ट अधिकारियों का कहना है कि काम को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।


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