Move to Jagran APP

मां क्या होती है... इस नवजात को मालूम नहीं, पर आगे बढ़ रहे कई हाथ

जन्म के बाद मां ने उसे रेल के कमोड में मरने के लिए फेंक दिया गया। खुशकिस्मती से सांसें चलती रहीं। अब उसे गोद लेने के लिए कई हाथ आगे बढ़ रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 11:13 AM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 11:13 AM (IST)
मां क्या होती है... इस नवजात को मालूम नहीं, पर आगे बढ़ रहे कई हाथ
मां क्या होती है... इस नवजात को मालूम नहीं, पर आगे बढ़ रहे कई हाथ

अमृतसर [नितिन धीमान]। मां क्या होती है, इस नवजात को मालूम नहीं। दो दिन पूर्व जन्मे नवजात को मां का आंचल जो नसीब नहीं हुआ। जन्म के बाद उसे रेल के कमोड में मरने के लिए फेंक दिया गया। खुशकिस्मती से सांसें चलती रहीं। मौत का साया उसके आसपास मंडरा रहा है। अस्पताल में वह जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा है।

loksabha election banner

कौन थी वह मां जिसकी कोख से उसने जन्म लिया। कौन था वो शख्स जिसने इसे मारने की नीयत से उसे कमोड में फेंक दिया। ये सवाल अभी भी सिर उठाए खड़े हैैं। किसी पुलिस थाने में ऐसी कोई शिकायत दर्ज हुई है कि उनका नवजात शिशु चोरी हुआ है। इससे साफ है कि बच्चे को जन्म देने वाली मां की मर्जी से कमोड में फेंका गया है। हालांकि इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि किसी कुंवारी मां ने बच्चे को जन्म देकर मरने के लिए छोड़ दिया हो।

बीते शनिवार को हावड़ा मेल के कमोड से बरामद हुए नवजात शिशु को गुरुनानक देव अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। इसी बीच, उसके लिए राहत की बात इतनी है कि देश के कोने-कोने से लोग उसे गोद लेना चाहते हैैं। यदि उसे जन्म देने वाली मां जिला प्रशासन के पास नहीं आती और ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है तो संभावना है कि बच्चे को किसी उस परिवार के हवाले किया जाएगा जो संतान सुख से वंचित है और कानूनी तौर पर बच्चे को अडॉप्ट करके उसकी परवरिश कर सकता हो।

नवजात को गोद लेने के लिए मुंबई, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब विभिन्न हिस्सों से लोगों ने अपील की है। ये लोग रेडक्रॉस से भी संपर्क कर रहे हैं और डॉक्टरों से भी गुहार लगा रहे हैं। रविवार को संतान सुख से वंचित एक व्यक्ति गुरुनानक देव अस्पताल भी पहुंचा और डॉक्टरों से कहा कि वह बच्चे की परवरिश करना चाहता है। हालांकि डॉक्टरों ने यह कहकर इन्कार कर दिया कि अभी बच्चे की हालत ठीक नहीं। वैसे भी बच्चे को अडॉप्ट करने की प्रक्रिया प्रशासन पूरी करता है, इसलिए आप प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करें। वहीं दर्जनभर लोगों ने रेडक्रॉस सोसाइटी व डॉक्टरों से संपर्क कर बच्चे को अपनाने की बात कही है।

उधर, नवजात शिशु को कमोड से निकालने वाले रेलवे में कार्यरत सर्बजीत सिंह साबी भी उसे गोद लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को अडॉप्ट करेंगे। बहरहाल, यह तय है कि यदि बच्चे के वास्तविक मां-बाप सामने नहीं भी आते तो भी ये बच्चा अनाथ नहीं रहेगा।

नाजुक है नवजात की हालत

नवजात का ट्रीटमेंट कर रहे डॉ. नरिंदर सिंह ने कहा कि उसकी धड़कनें व सांसें असामान्य हैं। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टरों की पूरी टीम बच्चे की निगरानी कर रही है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.